2014 से मिलेगी वन रैंक-वन पेंशन
पूर्व सैनिकों के गुस्से का शिकार बनी मोदी सरकार वन रैंक-वन पेंशन 7वें वेतन आयोग के साथ ही देगी.
![]() रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर (फाइल फोटो) |
केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए गठित वेतन आयोग की रिपोर्ट अंतिम चरण में है. अगस्त में आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपनी हैं और अगले साल पहली जनवरी से इसे लागू होना है.
पूर्व सैनिकों को 2006 से नहीं, 2014 से वन रैंक-वन पेंशन मिलेगी, जिससे सरकार के खजाने पर 17 हजार करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा. चुनाव के दौरान भाजपा और मोदी ने पूर्व सैनिकों से वन रैंक-वन पेंशन देने का वादा किया था, लेकिन सरकार में आने के डेढ़ साल बाद भी इसे लागू नहीं कर पाई है.
पहले सेना के भीतर ही रैंक को लेकर मतभेद था और अब नौकरशाह उसकी राह में रोड़ा बन रहे हैं. इसके वाबजूद ने प्रधानमंत्री मोदी की वित्त और रक्षा मंत्रालय को वन रैंक-वन पेंशन की देने की पूरी तैयारी करने को कहा है. अब सरकार तो तिथि तय करनी है.
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार 15 अगस्त को प्रधानमंत्री औपचारिक घोषणा कर सकते हैं, लेकिन इसे लागू किया जाएगा 7वें वेतन आयोग के साथ ही. क्योंकि, सांतवें वेतन आयोग में सभी कर्मचारियों का वेतन बढ़ेगा, उसी में मिलिट्री पेंशन भी बढ़ जाएगी. यदि अभी यह योजना लागू की गई तो नौकरशाह और अर्धसैनिक बल भी मांग करने लगेंगे.
सूत्रों के अनुसार पूर्व सेनिकों को वन रैंक-वन पेंशन छठे वेतन आयोग की तिथि 2006 के बजाय 2014 से मिलेगी. इस लिहाज से सरकार के खजाने पर 17 हजार करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा. पहले यह बजट करीब 10 हजार करोड़ रुपए का था, लेकिन 7वें वेतन आयोग की गणना के अनुसार यह आंकड़ा बढ़ गया है.
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