बोफोर्स मामले में राजीव गांधी ने क्वात्रोची को बचाया, अमिताभ को फंसाया गया: स्टेन लिंडस्ट्रोम
बोफोर्स तोप दलाली मामले में स्वीडन के पूर्व पुलिस प्रमुख स्टेन लिंडस्ट्रोम ने दावा किया है कि मामले में ओट्टावियो क्वात्रोची को जहां बचाया वहीं अमिताभ बच्चन को जबरन फंसा दिया गया था.
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बोफोर्स का जिन्न फिर बाहर आ गया है. अपनी पहचान गुप्त रखकर इस घोटाले के रहस्य को उजागर करने वाले स्टेन लिंडस्ट्रोम ने करीब 25 साल बाद पहली बार अपनी पहचान जाहिर करते हुए दावा किया है कि इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने रिश्वत नहीं ली थी.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में राजीव गांधी ने जहां क्वात्रोची को बचाया वहीं उन्होंने बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन को जबरदस्ती फंसाने की बात कही है.
लिंडस्ट्रोम ने इस मामले के 25 साल बाद उस पत्रकार से खासतौर पर बातचीत की, जिसने बोफोर्स दलाली केस को उजागर किया था.
पत्रकार चित्रा सुब्रमण्यम से बातचीत में उन्होंने कहा है कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि राजीव गांधी ने रिश्वत ली थी. हालांकि यह भी सच है कि राजीव ने इस मामले के मुख्य आरोपी क्वात्रोची को बचाने की कोशिशें रोकने के लिए भी कुछ नहीं किया.
स्वीडन के पूर्व पुलिस प्रमुख का यह भी कहना है कि क्वात्रोची के खिलाफ तमाम ठोस सबूत थे लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. उसे भारत और स्वीडन, दोनों ही देशों में बचाने के खूब प्रयास किए गए.
जया बच्चन ने कहा, आखिर सच्चाई सामने आ ही गई
उन्होंने अमिताभ बच्चन को क्लीन चिट देते हुए कहा कि उनके और उनके परिवार के खिलाफ इस घोटाले से जुड़ी जो भी खबरें छपी थीं, वे सारी प्रायोजित थीं.
उल्लेखनीय है कि लिंडस्ट्रोम ने ही बोफोर्स तोप दलाली से संबंधित 350 पेज के दस्तावेज मीडिया को मुहैया कराए थे.
मालूम हो कि 1986 में भारत सरकार ने स्वीडन की एक कंपनी एबी बोफोर्स से 155 एमएम की 410 होवित्जर बोफोर्स तोपें खरीदी थीं. कुल सौदा 1437 करोड़ रुपए में हुआ था.
16 अप्रैल 1987 को स्वीडिश रेडियो ने खुलासा किया कि फर्म ने सौदे के लिए रिश्वत दी थी. सौदे में स्वीडिश हथियार निर्माता कंपनी एबी बोफोर्स से क्वात्रोची पर दलाली का आरोप लगा था.
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