Music therapy : कीमोथेरेपी मरीज के लिए संगीत सुनना हो सकता है फायदेमंद

Last Updated 03 Apr 2023 07:19:19 AM IST

ज्यादातर कीमोथेरेपी मरीज के मरीज अपने आप को असहाय समझने लगते हैं और अपने जीवन से लगाव और दुखी रहना उनके स्वभाव में अपने आप होने लगता है। परन्तु एक अध्यन में पाया गया है कि अब कीमोथेरेपी के मरीजों को परेशान होने की जरूरत नहीं।


कीमोथेरेपी के मरीज के लिए संगीत सुनना कितना फायदेमंद जानिए

अध्ययन में यह पाया गया है कि ऐसे मरीजों को संगीत का माध्यम सहज बना सकता है। ऐसे मरीजों को संगीत सुनना चाहिए। संगीत सुनने से मन प्रसन्न रहता है और दवाओं का असर भी तेजी से असर करता है।

शोध से पता चलता है कि कीमोथेरेपी के मरीज अपने पसंदीदा संगीत को सुनने के साथ उपचार को जोड़ते हैं तो मतली-विरोधी मेडिसिन अधिक प्रभावी होती हैं।

संगीत किसी को अध्यात्म में ले जाने का जरिया है तो कोई इसे सुनकर फ्रेश भी फील करता है। वहीं एक स्टडी के मुताबिक संगीत लोगों को स्वस्थ रखने में भी बेहद मदद करता है, इसके साथ ही कई लोग संगीत के जरिये शांति का अनुभव भी करते हैं।

कैंसर के मरीजों के लिए किया गया अध्ययन

जबकि पिछले अध्ययनों ने संगीत-सुनने के हस्तक्षेप को दर्द और चिंता के इलाज के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया है, अमेरिका में मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी की एक टीम ने कीमोथेरेपी-प्रेरित मतली पर संगीत-सुनने के हस्तक्षेप के प्रभावों का अध्ययन करके एक नया दृष्टिकोण अपनाया।

कॉलेज ऑफ नर्सिंग में सहायक प्रोफेसर जेसन किरनान ने कहा कि संगीत सुनने के हस्तक्षेप ओवर-द-काउंटर मेडिसिन (दवाओं) की तरह हैं। आपको इन दवाओं को लिखवाने के लिए डॉक्टर की जरूरत नहीं है। आप इन्हें खुद दवा की दुकान पर भी प्राप्त कर सकते हैं।

जेसन किरनान ने कहा कि दर्द और चिंता दोनों न्यूरोलॉजिकल घटनाएं हैं और मस्तिष्क में एक अवस्था के रूप में व्याख्या की जाती हैं। कीमोथेरेपी-प्रेरित मतली पेट की स्थिति नहीं है, यह एक न्यूरोलॉजिकल है।

क्लिनिकल नसिर्ंग रिसर्च जर्नल में प्रकाशित स्मॉल पायलट अध्ययन में कीमोथेरेपी उपचार से गुजर रहे 12 मरीजों को शामिल किया गया था, जो अपने पसंदीदा संगीत को हर बार 30 मिनट के लिए सुनने के लिए सहमत हुए थे, जब उन्हें मतली विरोधी दवा लेने की आवश्यकता थी।

उन्होंने अपने कीमोथेरेपी उपचार से परे पांच दिनों में किसी भी समय मतली होने पर संगीत हस्तक्षेप को दोहराया। अध्ययन में मरीजों ने कुल 64 घटनाएं प्रदान कीं।

संगीत सुनने से हो रहा कैंसर मरीजों को लाभ

जेसन किरनान ने कहा कि जब हम संगीत सुनते हैं, तो हमारा दिमाग हर तरह के न्यूरॉन को सक्रिय कर देता है। जबकि किरनान ने रोगियों की मतली की गंभीरता और उनके संकट की रेटिंग में कमी देखी तो उन्होंने चेतावनी दी कि यह अलग करना मुश्किल है कि क्या यह दवा का धीरे-धीरे जारी होना अपना काम कर रहा था या संगीत का लाभ बढ़ा।

वह पहले से प्रकाशित अध्ययन के आधार पर इस पर और शोध करना चाहते हैं, जिसमें अप्रिय और सुखद संगीत सुनने के बाद रक्त में प्लेटलेट्स द्वारा जारी एक न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन की मात्रा में वृद्धि देखी गई।

जेसन किरनान आगे कहा कि सेरोटोनिन प्रमुख न्यूरोट्रांसमीटर है जो कीमोथेरेपी-प्रेरित मतली का कारण बनता है। कैंसर रोगी सेरोटोनिन के प्रभाव को रोकने के लिए दवाएं लेते हैं।

तनाव को करता है कम

शोधकर्ताओं ने पाया कि सुखद संगीत सुनने वाले रोगियों ने सेरोटोनिन रिलीज के निम्नतम स्तर का अनुभव किया, यह दर्शाता है कि सेरोटोनिन रक्त प्लेटलेट्स में बना रहा और पूरे शरीर में प्रसारित करने के लिए जारी नहीं किया गया था। परिणामों से यह भी पता चला कि संगीत सुनने के बाद उन्हें अप्रिय लगा, रोगियों ने अधिक तनाव का अनुभव किया और सेरोटोनिन रिलीज के स्तर में वृद्धि हुई।

उन्होंने आगे कहा कि यह पेचीदा था क्योंकि यह मेरे अध्ययन में एक न्यूरोकेमिकल स्पष्टीकरण और सेरोटोनिन को मापने का एक संभावित तरीका और सेरोटोनिन के रक्त प्लेटलेट रिलीज प्रदान करता है।

आईएएनएस
न्यूयॉर्क


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