देश ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर ‘नारी शक्ति’ को किया सलाम
विभिन्न क्षेत्रों में अहम योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित करने से लेकर विधायिकाओं में उनके लिए आरक्षण की पुन: मांग के साथ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर शुक्रवार को समाज में महिलाओं द्वारा निभाई असंख्य भूमिकाओं का जश्न मनाया गया।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर ‘नारी शक्ति’ को सलाम |
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अपने संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम नारी शक्ति को सलाम करते हैं। हमें गर्व है कि हमने अनेक ऐसे निर्णय लिये हैं जिससे महिला सशक्तिकरण हुआ है।’’
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस अवसर पर कहा कि महिलाओं की आजादी के रास्ते में आने वाली बाधाओं को खत्म करना होगा। गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं की साहसी, जुझारूपन की भावना को सलाम करता हूं। मैं यह भी चाहता हूं कि हम उन बाधाओं को खत्म करने के संकल्प को फिर दोहराएं जो स्वतंत्रता एवं समानता की तरफ बढ़ने में महिलाओं को लगातार हो रही हैं।‘‘
गांधी ने ओडिशा के जयपुर में शुक्रवार को महिलाओं से बातचीत करते हुए उनसे वादा किया कि अगर उनकी पार्टी कांग्रेस सत्ता में आई तो संसद में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने का प्रयास करेगी और महिलाओें के उत्पीड़न को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाई जायेगी।
देशभर में अलग-अलग तरीकों से महिलाओं के प्रति सम्मान जताया गया। मध्य प्रदेश के जबलपुर में मदन महल रेलवे स्टेशन ‘पिंक’ हो गया। उसके सभी ऑपरेशंस का प्रबंधन केवल महिलाओं ने किया जबकि केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में 190 साल पुराने पुस्तकालय ने महिलाओं को अनूठा तोहफा दिया।
दूसरी ओर, दक्षिण पूर्वी रेलवे के खड़गपुर मंडल के श्यामचक स्टेशन पर रेलवे बोर्ड ने रेल की पटरियों की जांच करने और तेज रफ्तार ट्रेनों की सुरक्षा का जिम्मा लेने जैसे पुरुषों के वर्चस्व वाले पेशे में अपनी जगह बनाने वाली पुष्पा सिंह को सम्मानित किया है।
ट्रेनों के पटरियों से उतरने के जोखिम को भांपने के लिए, पटरियों में छोटी सी छोटी दरार का पता लगाने के लिए दो बच्चों की मां तथा अपने परिवार की इकलौती कमाने वाली सदस्य पुष्पा सिंह रोजाना अपने कंधों पर हथोड़ा एवं रिंच लेकर पटरियों पर चलती हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 41 महिलाओं और तीन संस्थानों को नारी शक्ति पुरस्कार दिया। पुरस्कार पाने वालों में तेजाब हमले की पीड़ित से कार्यकर्ता बनी प्रज्ञा प्रसून, भारत की पहली महिला मरीन पायलट रेशमा निलोफर और भारत में इकलौती महिला कमांडो प्रशिक्षक सीमा राव शामिल हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी की मौजूदगी में राष्ट्रपति भवन में आयोजित विशेष समारोह में पुरस्कार दिए गए।
महिलाओं के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान नारी शक्ति पुरस्कार लखनऊ के वन स्टॉप सेंटर, कसाब-कच्छ क्राफ्ट्सवुमेन प्रोड्यूसर और तमिलनाडु के सामाजिक कल्याण एवं पौष्टिक भोजन कार्यक्रम विभाग को भी दिया गया।
राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली महिला आयोग ने बधिर अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी, भारत की पहली महिला स्टंट राइडर और दमकलकर्मी तथा एयर इंडिया के क्रू को पुरस्कार दिया।
पुरस्कार कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘‘महिलाएं पुरूषों से कम नहीं हैं। पुरूष जो कर सकते हैं वह महिलाएं भी कर सकती हैं, चाहे वह बाइक स्टंट हो, विमान उड़ाना हो या जहाज चलाना। यह पुरस्कार तमाम बाधाओं को पार कर अपनी पहचान बनाने वाली भारतीय महिलाओं की ताकत और उनके जुनून को समर्पित है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी महिलाएं अन्य हजारों लोगों के लिये प्रेरणा की स्रेत हैं। यह पुरस्कार उन पुरूषों को भी समर्पित है जिन्होंने इन महिलाओं को प्रेरित किया और उनका समर्थन किया।’’
महिला आयोग ने 55 वर्षीय महिला ई-रिक्शा चालक और प्रसवपूर्वंिलग की पहचान करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ करने वाली एक महिला डॉक्टर को भी सम्मानित किया।
महिलाओं को समाज की ‘‘रीढ’’ बताते हुए, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुनिया भर की महिलाओं को इस दिवस पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि वह इस बात पर गर्व महसूस करती है कि 16वीं लोकसभा में उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की 35 प्रतिशत सीटों पर महिलाएं हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इस साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम ‘‘सोचो बराबर, बनो समझदार, बदलाव के लिए नवोन्मेष’ है।
इस मौके पर महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने महिलाओं के लिए नीतियों के मामले में बहुत ऊंचे मानदंड तय किए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने से लेकर उनके सशक्तिकरण तक सरकार ने उनके लिए लैंगिक समानता और समान अवसर सुनिश्चित किए।’’
हालांकि कांग्रेस नेता शैलजा कुमारी ने आरोप लगाया कि सरकार ने पिछले पांच साल में महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर केवल बयानबाजियां की है और महिला आरक्षण विधेयक पर कोई प्रगति नहीं की गई।
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