बुजुर्ग सिनेमा जाएं तो डिप्रेशन का खतरा होगा कम

Last Updated 15 Dec 2018 04:07:56 PM IST

सिनेमा, थिएटर या संग्रहालय जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों के नियमित रूप से संपर्क में रहने से बुजुर्ग अवसाद (डिप्रेशन) से दूर रह सकते हैं।


बुजुर्ग सिनेमा जाएं तो अवसाद होगा कम (फाइल फोटो)

एक नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। अवसाद एक बड़ा मुद्दा है, जिससे लाखों लोग प्रभावित होते हैं, विशेषकर बुजुर्ग।

अध्ययन में सामने आया कि वे लोग जो प्रत्येक दो-तीन महीने में फिल्में, नाटक या प्रदर्शनी देखते हैं, उनमें अवसाद विकसित होने का जोखिम 32 फीसदी कम होता है, वहीं जो महीने में एक बार जरूर यह सब चीजें करते हैं उनमें 48 फीसदी से कम जोखिम रहता है।

ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की वरिष्ठ रिसर्च एसोसिएट डेजी फैनकोर्ट ने कहा, "लोग मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़ते हैं लेकिन हमें इसके व्यापक फायदों के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत है।"

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ब्रिटिश जर्नल ऑफ साइकियाट्री में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, इन सांस्कृतिक गतिविधियों की शक्ति सामाजिक संपर्क, रचनात्मकता, मानसिक उत्तेजना और सौम्य शारीरिक गतिविधि के संयोजन में निहित है, जो उन्हें प्रोत्साहित करती है।

फैनकोर्ट के मुताबिक, अगर हम तनाव या कुछ अलग सा महसूस करना शुरू कर देते हैं तो सांस्कृतिक जुड़ाव वह सामान्य चीज है, जिससे हम हमारे मानसिक स्वास्थ्य की सक्रिय रूप से मदद कर सकते हैं ताकि वह उस बिंदु तक न पहुंचे, जहां हमें किसी पेशेवर चिकित्सा मदद लेने की जरूरत आ पड़े।

अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने 50 से ज्यादा की उम्र के 2,48 से अधिक लोगों का अध्ययन किया।

 

 

आईएएनएस
लंदन


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