जॉली इफेक्ट से स्तन कैंसर की जांच के मामले बढ़े

Last Updated 22 Oct 2017 05:16:39 PM IST

मशहूर हॉलीवुड अदाकारा एंजेलिना जॉली को जब पता चला कि उन्हें स्तन कैंसर है तो महिलाओं में इसे लेकर जागरूकता फैली थी और एंजेलिना के इस बारे में खुलकर बोलने के कारण ही महिलाएं स्तन कैंसर की जांच कराने के लिए प्रेरित हुई.


मशहूर हॉलीवुड अदाकारा एंजेलिना जॉली (फाइल फोटो)

मशहूर हॉलीवुड अदाकारा एंजेलिना जॉली ने जब यह स्वीकार किया था कि उन्हें स्तन कैंसर है तो महिलाओं में इसे लेकर जागरूकता फैली थी और शायद यह एंजेलिना के इस बारे में खुलकर बोलने का ही नतीजा है कि महिलाएं स्तन कैंसर की जांच कराने के लिए प्रेरित हुई.

एक नए अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2003 से 2014 के बीच स्तन कैंसर के लिए जिम्मेदार बीआरसीए जीन की जांच में 80 गुना वृद्धि हुई.


अमेरिका में जॉर्जिया विश्विद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि वर्ष 2013 में एंजेलिना ने जब यह खुलासा किया था तो इसकी जांच में तेजी से वृद्धि हुई थी.

स्तन कैंसर (बीआरसीए) जीन जांच बीआरसीए1 और बीआरसीए2 नाम के जीन में बदलावों के लिए की जाने वाली खून की जांच है. इस जांच में यह पता लगाया जाता है कि महिला को स्तन कैंसर और गर्भाशय का कैंसर होने का खतरा है या नहीं.



शोधकर्ताओं ने कहा कि इन 11 वर्षो के दौरान बीआरसीए जांच में 80 गुना इजाफा हुआ और सबसे ज्यादा जांच वर्ष 2013 में हुई.

इसी साल हॉलीवुड अभिनेत्री एंजेलिना जॉली का बीआरसीए जीन जांच को बढ़ावा देने के लिए द न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लेख प्रकाशित हुआ था और सुप्रीम कोर्ट ने बीआरसीए जीन जांच से पेटेंट हटा दिया था.

भाषा


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