Donald Trump Tariff Policy: डोनाल्ड ट्रंप ने 14 देशों पर नए टैरिफ का किया ऐलान, बांग्लादेश सबसे ज्यादा प्रभावित; भारत को राहत
Donald Trump Tariff Letter: डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश सहित 14 देशों पर नई टैरिफ लगाने का ऐलान किया। इसमें म्यांमार और लाओस पर 40 फीसदी, बांग्लादेश पर 35 फीसदी, जापान और दक्षिण कोरिया पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया गया है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जहां 14 देशों पर भारी-भरकम टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, तो वहीं भारत के साथ व्यापार समझौते को लेकर कहा है कि दोनों देश डील के बेहद करीब हैं।
ट्रंप ने सोमवार को कहा, ‘‘ हमने ब्रिटेन के साथ एक समझौता किया है, हमने चीन के साथ एक समझौता किया है... हम भारत के साथ एक समझौता करने के करीब हैं। हमने अन्य लोगों से मुलाकात की और हमें नहीं लगता कि हम समझौता कर पाएंगे, इसलिए हमने उन्हें एक पत्र भेजा है। यदि आप सामान (अमेरिका) भेजना चाहते हैं, तो आपको इसका (शुल्क का) भुगतान करना होगा।’’
ट्रंप प्रशासन ने सोमवार को विभिन्न देशों को ‘पत्र’ भेजे जिसमें उन देशों के उत्पादों पर अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले शुल्कों का ब्योरा है।
बांग्लादेश, बोस्निया एंड हर्जेगोविना, कंबोडिया, इंडोनेशिया, जापान, कजाकिस्तान, लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, मलेशिया, सर्बिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और ट्यूनीशिया को ट्रंप द्वारा हस्ताक्षरित पत्र भेजे गए हैं।
ट्रंप ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस को भेजे पत्र में कहा कि एक अगस्त 2025 से ‘‘ हम बांग्लादेश से अमेरिका में भेजे जाने वाले सभी बांग्लादेशी उत्पादों पर केवल 35 प्रतिशत का शुल्क लगाएंगे, जो सभी क्षेत्रीय शुल्क से अलग होगा।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा , ‘‘ कृपया समझें कि 35 प्रतिशत शुल्क आपके देश के साथ व्यापार घाटे की असमानता को समाप्त करने के लिए आवश्यक शुल्क से काफी कम है। ’’
ट्रंप ने कहा कि अगर बांग्लादेश अमेरिका के लिए अपने ‘‘बंद’’ व्यापारिक बाजारों को खोलना चाहता है और अपनी शुल्क व गैर-शुल्क नीतियों एवं व्यापार बाधाओं को खत्म करना चाहता है, तो ‘‘ हम शायद इस पत्र में समायोजन पर विचार करेंगे। आपके देश के साथ हमारे संबंधों के आधार पर इस शुल्क को कम ज्यादा किया जा सकता है।’’
अमेरिका के राष्ट्रपति ने एक अलग कार्यकारी आदेश में कई अन्य देशों पर बढ़ाए गए शुल्क को टालने की अवधि एक अगस्त तक बढ़ा दी है। शुल्क पर यह 90 दिवसीय निलंबन नौ जुलाई को समाप्त होना था।
अमेरिका ने जवाबी शुल्क निलंबन एक अगस्त तक बढ़ाया; भारत को राहत
मेरिका के जवाबी शुल्क के निलंबन को एक अगस्त तक बढ़ाने से भारतीय निर्यातकों को राहत मिलेगी। साथ ही भारत और अमेरिका को अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए लंबित मुद्दों को सुलझाने के वास्ते अतिरिक्त समय मिलेगा।
ट्रंप प्रशासन ने सोमवार को विभिन्न देशों को ‘पत्र’ भेजे जिसमें उन देशों के उत्पादों पर अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले शुल्कों का ब्योरा है। इन देशों में हालांकि भारत को शामिल नहीं किया गया।
बांग्लादेश, बोस्निया एंड हर्जेगोविना, कंबोडिया, इंडोनेशिया, जापान, कजाकिस्तान, लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, मलेशिया, सर्बिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और ट्यूनीशिया को ट्रंप द्वारा हस्ताक्षरित पत्र भेजे गए हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने एक अलग कार्यकारी आदेश में कई अन्य देशों पर बढ़ाए गए शुल्क को टालने की अवधि एक अगस्त तक बढ़ा दी है। शुल्क पर यह 90 दिवसीय निलंबन नौ जुलाई को समाप्त होना था।
इस निर्णय पर टिप्पणी करते हुए निर्यातकों ने कहा कि जवाबी शुल्क लगाने को नौ जुलाई से एक अगस्त तक स्थगित करना अमेरिका की अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने की इच्छा को दर्शाता है।
भारतीय निर्यात संगठन महासंघ (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, ‘‘ यह वार्ता के लिए एक विस्तारित अवसर प्रदान करता है, जिससे हमारे वार्ताकारों को शेष विवादास्पद मुद्दों को सुलझाने में मदद मिल सकती है।’’
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित शुल्क में दायरे में करीब 12 देश आते हैं। हालांकि यदि भारत इस महीने के अंत तक अमेरिका के साथ कम से कम वस्तुओं पर बीटीए (द्विपक्षीय व्यापार समझौता) को अंतिम रूप दे देता है तो तुलनात्मक रूप से अधिक फायदे में होगा।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ विश्वजीत धर ने कहा कि यह भारत के लिए राहत की बात है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इसे राहत की बात मानता हूं और यह प्रतिक्रिया भारत द्वारा कुछ मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाने के कारण आई है।’’
‘फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन’ (फियो) के अध्यक्ष एवं लुधियाना स्थित इंजीनियरिंग निर्यातक ने कहा कि हालांकि यह एक छोटी सी राहत है.. ‘‘ हमें और अधिक की उम्मीद है।’’
मुंबई स्थित निर्यातक एवं टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज (इंडिया) के संस्थापक शरद कुमार सराफ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ‘‘बहुत अप्रत्याशित’’ व्यक्ति हैं।
सराफ ने कहा, ‘‘ शुल्क निलंबन की अवधि बहुत कम है। भारतीय निर्यातकों को निर्यात बढ़ाने के लिए नए बाजार तलाशने चाहिए।’’
भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने इस साल की शरद ऋतु (सितंबर-अक्टूबर) तक पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, भारत ने अंतरिम व्यापार समझौते पर अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया है और अब फैसला अमेरिका को करना है।
वित्त वर्ष 2021-22 से अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है। वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 2024-25 में 131.84 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था। इसमें 86.51 अरब डॉलर का निर्यात, 45.33 अरब डॉलर का आयात और 41.18 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष शामिल है।
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