G-7 Summit: जी-7 समिट में हिस्सा लेने के लिए कनाडा पहुंचे PM मोदी, एयरपोर्ट पर हुआ जोरदार स्वागत

Last Updated 17 Jun 2025 10:00:44 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 समिट के लिए कनाडा पहुंच चुके हैं। कनैनिस्किस में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री यहां पहुंचे हैं।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि वह कनाडा के कनैनिस्किस में जी-7 शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं से मुलाकात के दौरान महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे तथा ‘ग्लोबल साउथ’ की प्राथमिकताओं पर जोर देंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार शाम को यहां पहुंचे और यह एक दशक में मोदी की कनाडा की पहली यात्रा है। प्रधानमंत्री इस दौरान विश्व के नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे और ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी तथा नवाचार सहित महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
 



मोदी ने सोमवार शाम को एक पोस्ट में कहा, ‘‘जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा के कैलगरी पहुंच गया हूं। शिखर सम्मेलन में विभिन्न नेताओं से मुलाकात करूंगा और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा करूंगा। ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर भी जोर दूंगा।’’

‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर साइप्रस से सोमवार शाम (स्थानीय समयानुसार) कनाडा पहुंचे। कनैनिस्किस में यह सम्मेलन 16 जून से 17 जून तक चलेगा। यह जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री की लगातार छठी बार भागीदारी है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,‘‘ प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए कनाडा के अल्बर्टा पहुंचे। प्रधानमंत्री ऊर्जा सुरक्षा के भविष्य के साथ ही विविधीकरण, प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे और निवेश पर जी-7 चर्चाओं में भाग लेंगे, ताकि बदलती दुनिया में पहुंच और सामर्थ्य सुनिश्चित की जा सके। प्रधानमंत्री इस सम्मेलन से इतर कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।’’

प्रधानमंत्री शिखर सम्मेलन के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। यह सम्मेलन भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किए जाने के एक महीने बाद हो रहा है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत, 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया था।

जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मोदी को कार्नी द्वारा दिया गया आमंत्रण, नयी सरकार की भारत के साथ संबंधों को सुधारने की मंशा का संकेत है जो खालिस्तानी समर्थक अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद सबसे खराब स्थिति में पहुंच गए थे।

पिछले साल अक्टूबर में भारत ने अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था क्योंकि ओटावा ने उन्हें निज्जर मामले से जोड़ने का प्रयास किया था। भारत ने कनाडा के भी इतने ही राजनयिकों को निष्कासित किया था।

भारत ने जस्टिन ट्रूडो की सरकार पर कनाडा की धरती से खालिस्तानी समर्थकों को काम करने की अनुमति देने का आरोप लगाया था।

अर्थशास्त्री कार्नी ने ट्रूडो के शीर्ष पद से हटने के बाद कनाडा के नये प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला।

पिछले कुछ महीनों में भारत और कनाडा के सुरक्षा अधिकारियों ने संपर्क पुनः शुरू किया है और दोनों पक्ष नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति की संभावना पर विचार कर रहे हैं।

जी-7 शिखर सम्मेलन भू-राजनीतिक तनावों के बीच हो रहा है, जिसमें ईरान और इजराइल के एक-दूसरे पर हमले करने के मद्देनजर पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क नीतियों के चलते शुरू हुआ व्यापार युद्ध भी शामिल है।

‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (जी-7) दुनिया की सात उन्नत अर्थव्यवस्थाओं - फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा तथा यूरोपीय संघ का एक अनौपचारिक समूह है। इसके सदस्य वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए हर साल जी-7 शिखर सम्मेलन में मिलते हैं।

विश्व की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल भारत को पिछले कुछ वर्षों से नियमित रूप से जी-7 शिखर सम्मेलन के संपर्क सत्र में आमंत्रित किया जाता रहा है।

 

भाषा
कैलगरी (कनाडा)


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