Israel Iran War: ईरान ने इजरायल पर दागी मिसाइलें, बढ़ते टकराव के बीच NSC की आपात बैठक

Last Updated 14 Jun 2025 12:43:35 PM IST

ईरान ने अपनी न्यूक्लियर फैसिलिटी और नेताओं पर हमले का बदला लेते हुए इजरायल पर मिसाइलों की बरसात कर दी है।


ईरान ने इजरायल पर दागी मिसाइलें, बढ़ते टकराव के बीच NSC की आपात बैठक

सुरक्षा परिषद ने इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) के शीर्ष अधिकारी को चेतावनी दी है कि न्यूक्लियर फैसिलिटी पर हमलों के ‘गंभीर परिणाम’ हो सकते हैं।

‘आईएईए’ के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने कहा, “न्यूक्लियर फैसिलिटी की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली कोई भी सैन्य कार्रवाई ईरान, क्षेत्र और उससे बाहर के लोगों के लिए गंभीर परिणाम पैदा कर सकती है।”

आईएईए की जनरल काउंसिल ने कहा है कि न्यूक्लियर फैसिलिटी पर सैन्य हमले यूएन चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हैं। संयुक्त राष्ट्र की अंडर सेक्रेटरी जनरल रोजमेरी डिकार्लो ने ईरान के अनुरोध पर बुलाई गई काउंसिल की आपातकालीन बैठक में कहा, “हमें हर कीमत पर बढ़ते संघर्ष से बचना चाहिए, जिसके वैश्विक परिणाम बहुत घातक होंगे।”

रोजमेरी डिकार्लो ने कहा कि रविवार को ओमान में वाशिंगटन और तेहरान के बीच वार्ता फिर से शुरू होने के साथ ही ‘महत्वपूर्ण कूटनीतिक घटनाक्रम’ के चलते इजरायल ने ईरान पर हमला किया। ईरान ने इस वार्ता से खुद को अलग कर लिया है।

डिकार्लो ने कहा, “ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम की शांतिपूर्ण प्रकृति को सुनिश्चित करने के लिए वार्ता के जरिए शांतिपूर्ण समाधान सबसे अच्छा विचार है।” अमेरिकी विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मैककॉय पिट ने बताया कि अमेरिका अभी भी बातचीत को तैयार है। उन्होंने कहा, “हम शांति चाहते हैं।

जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा- हिंसा खत्म होनी चाहिए और ईरान को एक समझौता करना चाहिए, ताकि ‘कोई और मौत, कोई और विनाश न हो।’ संयुक्त राज्य अमेरिका एक राजनयिक समाधान की तलाश जारी रखेगा, जो यह सुनिश्चित करेगा कि ईरान कभी भी न्यूक्लियर वैपन हासिल न करे, या मिडल ईस्ट में स्थिरता के लिए खतरा पैदा न करे।

इस समय ईरान के नेतृत्व के लिए बातचीत करना बुद्धिमानी होगी।” अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कुछ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाने के बदले में ईरान के न्यूक्लियर बम के लिए सामग्री का उत्पादन करने के कार्यक्रम को रोकने हेतु एक अंतरराष्ट्रीय समझौते से खुद को अलग कर लिया था।

हालांकि, हाल ही में उन्होंने तेहरान के साथ एक नया समझौता करने की कोशिश की और अब उन प्रयासों को इजरायल के ईरान पर किए गए हमले ने रोक दिया है। ईरान के स्थायी प्रतिनिधि अमीर सईद इरावानी ने कहा है कि इजरायल के हमले का उद्देश्य ‘कूटनीति को खत्म करना, वार्ता को विफल करना और क्षेत्र को व्यापक संघर्ष में घसीटना’ था। इसके साथ ही उन्होंने वाशिंगटन पर इजरायली हमले में मिलीभगत का भी आरोप लगाया है।

मैककॉय पिट ने इससे इनकार किया है कि अमेरिका इस हमले में शामिल था, हालांकि उसे पहले से ही इसकी जानकारी दी गई थी। इजरायल के स्थायी प्रतिनिधि डैनी डैनन ने अपने देश की कार्रवाई का बचाव करते हुए इसे ‘राष्ट्रीय संरक्षण का कार्य’ बताया है। डैनन के अनुसार ईरान में हमले सटीक थे और न्यूक्लियर फैसिलिटी को निशाना बनाया गया था।

समयलाइव डेस्क
संयुक्त राष्ट्र


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