चीन ने भारत और पाकिस्तान से क्षेत्र में ‘‘शांति व स्थिरता के व्यापक हित’’ को ध्यान में रखते हुए संयम बरतने का बुधवार को आह्वान किया।
 |
भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार एवं बुधवार की दरमियानी रात पाकिस्तान एवं पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना शामिल है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत ये सैन्य हमले किए गए। पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 भारतीय नागरिकों की जान गई थी।
भारती की कार्रवाई के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘हम मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित हैं। भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के पड़ोसी हैं और हमेशा रहेंगे। वे दोनों चीन के पड़ोसी भी हैं।’’
पहलगाम आतंकवादी हमले का स्पष्ट संदर्भ देते हुए उसने कहा, ‘‘चीन हर तरह के आतंकवाद का विरोध करता है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘हम दोनों पक्षों से शांति व स्थिरता के व्यापक हित के लिए काम करने, शांति कायम रखने, संयम बरतने और ऐसी कार्रवाई करने से बचने का आग्रह करते हैं जिससे स्थिति और जटिल हो सकती है।’’
बयान में कहा गया, ‘‘आज सुबह भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई चीन की नजरों में खेदजनक है।’’
पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के ‘‘मित्र’’ चीन ने इसकी निंदा करते हुए हमले की निष्पक्ष व त्वरित जांच करने का आह्वान किया था। पिछले कुछ दिनों में दोनों देशों ने कूटनीतिक संपर्क भी बढ़ाया है।
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इशाक डार ने 27 अप्रैल को चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी से फोन पर बात की थी। इसके अलावा पाकिस्तान में चीनी राजदूत जियांग जेडोंग ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात भी की।
गौरलतब है कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग बुधवार को चार दिवसीय यात्रा पर रूस के लिए रवाना होने वाले हैं। शी के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ घनिष्ठ व्यक्तिगत संबंध हैं। इस यात्रा के दौरान दोनों नेताओं के बीच बातचीत भी निर्धारित है।
| | |
 |