पाकिस्तान की गठबंधन सरकार भारत के साथ तनाव के कारण अगले बजट में रक्षा खर्च में 18 प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 2,500 अरब रुपये से अधिक करने की तैयारी कर रही है। मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

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सरकार एक जुलाई से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष से पहले जून के पहले सप्ताह में 2025-26 का बजट पेश करने की तैयारी में है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।
समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को बजट मामलों पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनकी आर्थिक टीम से मुलाकात की।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने प्रमुख सहयोगी पीपीपी के साथ लगभग 17,500 अरब रुपये के नए बजट ढांचे को साझा किया, जो रक्षा व्यय में 18 प्रतिशत की वृद्धि पर सहमत हो गई है।
समाचार पत्र ने सूत्रों के हवाले से कहा कि भारत के साथ हाल ही में बढ़े तनाव के कारण पीएमएल-एन और पीपीपी के बीच रक्षा बजट बढ़ाने पर सहमति बनी है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा सुरक्षा खतरों के मद्देनजर पीपीपी ने रक्षा बजट को 18 प्रतिशत बढ़ाकर 2,500 अरब रुपये से अधिक करने के प्रस्ताव का समर्थन किया।
चालू वित्त वर्ष (2024-25) में सरकार ने रक्षा खर्च के लिए 2,122 अरब रुपये आवंटित किए, जो कि पिछले वित्त वर्ष (2023-24) के लिए बजट में रखे गए 1,804 अरब रुपये से 14.98 प्रतिशत अधिक है।
वार्षिक व्यय का दूसरा सबसे बड़ा घटक कर्ज भुगतान के बाद रक्षा क्षेत्र का खर्च है। चालू वर्ष में, कर्ज भुगतान के लिए आवंटित 9,700 अरब रुपये देश का सबसे बड़ा खर्च है।
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