पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम के लिए उपकरण देने वाली कंपनियों पर पाबंदी

Last Updated 21 Apr 2024 09:20:30 AM IST

अमेरिका ने पाकिस्तान को बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए उपकरण मुहैया कराने को लेकर चीन की तीन और बेलारूस की एक कंपनी पर प्रतिबंध लगाया है। अमेरिका के विदेश विभाग ने यह जानकारी दी।


अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर

अमेरिका ने चीन की जिन तीन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें शियान लॉन्गडे टेक्नोलॉजी डेवलेपमेंट, तियानजिन क्रिएटिव सोर्स इंटरनेशनल ट्रेड और ग्रानपेक्ट कंपनी लिमिटेड शामिल है। जबकि बेलारूस केमिंस्क व्हील ट्रैक्टर प्लांट पर प्रतिबंध लगाया गया है।

अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने शुक्रवार को कहा कि ये कंपनियां ऐसी गतिविधियों या लेन-देन में लिप्त पाई गई हैं जिन्होंने सामूहिक विनाश के हथियारों या उनके वितरण के साधनों के प्रसार में भौतिक रूप से योगदान दिया है।

संयुक्त राज्य अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ सामूहिक विनाश के हथियारों के निर्माण व प्रसार को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक चीन स्थित शीआन लोंगडे टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड ने पाकिस्तान की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए फिलामेंट वाइंडिंग मशीन सहित कई उपकरणों की आपूिर्त की।

इसी प्रकार चीन स्थित तियानजिन क्रिएटिव सोर्स इंटरनेशनल ट्रेड कंपनी लिमिटेड ने पाकिस्तान को स्टिर वेलिं्डग उपकरण की आपूर्ति की है। इसका उपयोग अंतरिक्ष प्रक्षेपण वाहनों में उपयोग किए जाने वाले प्रणोदक टैंक के निर्माण के लिए किया जा सकता है।

एक अन्य चीनी कंपनी ग्रैनपेक्ट कंपनी लिमिटेड ने बड़े व्यास वाले रॉकेट मोटर्स के परीक्षण के लिए पाकिस्तान को उपकरणों की आपूर्ति की। इसके अतिरिक्त, ग्रैनपेक्ट ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय विकास परिसर (एनडीसी) को बड़े व्यास वाले रॉकेट मोटर्स के परीक्षण के लिए उपकरण भी प्रदान किए।

इसी प्रकार बेलारूस की कंपनी मिन्स्क व्हील ट्रैक्टर प्लांट ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए विशेष वाहन चेसिस की आपूर्ति की। इसका उपयोग पाकिस्तान के राष्ट्रीय विकास परिसर (एनडीसी) द्वारा बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रक्षेपण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

पाकिस्तान ने 1986-87 में मिसाइल कार्यक्रम हत्फ की शुरुआत की थी। भारत के मिसाइल कार्यक्रम का मुकाबला करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के नेतृत्च में इसकी शुरुआत हुई थी. हत्फ को पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय समेत फौज का समर्थन प्राप्त था।

इसके बाद पाकिस्तान में हत्फ-1 और हत्फ-2 मिसाइलो का परीक्षण किया था। 1996 में पाकिस्तान चीन की मदद से बैलिस्टिक मिसाइल की तकनीक हासिल किया था।

आईएएनएस
वाशिंगटन


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