PM Modi के अरुणाचल दौरे से चीन तिलमिलाया, भारत के समक्ष राजनयिक विरोध दर्ज कराया

Last Updated 12 Mar 2024 11:32:45 AM IST

चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले सप्ताह अरुणाचल प्रदेश का दौरा करने को लेकर उसने भारत के समक्ष राजनयिक विरोध दर्ज कराते हुए इस कदम को सीमा विवाद को और जटिल होने की बात कही।


PM Modi के अरुणाचल दौरे से चीन तिलमिलाया, भारत के समक्ष राजनयिक विरोध दर्ज कराया

प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश में 13 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित सेला सुरंग राष्ट्र को समर्पित की।  

यह सुरंग असम के तेजपुर को अरुणाचल के पश्चिम कामेंग जिले से जोड़ने वाली सड़क पर बनाई गई है। इसे इतनी ऊंचाई पर स्थित वि की सबसे लंबी दोहरी लेन वाली सड़क सुरंग बताया जा रहा है।

यह सुरंग सामरिक महत्व रखने वाले तवांग तक हर मौसम में सड़क संपर्क मुहैया करेगी और इससे सीमांत क्षेत्र में सैनिकों की सुगमता से आवाजाही सुनिश्चित होने की भी उम्मीद है।

सैन्य अधिकारियों के अनुसार, चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थित विभिन्न अग्रिम स्थानों तक सैनिकों एवं हथियार प्रणाली सेला सुरंग के जरिये सुगमता से पहुंचाई जा सकेगी। 

चीन अरुणाचल के दक्षिण तिब्बत होने का दावा करता है। वह अपने इस दावे पर जोर देने के लिए, भारतीय नेताओं के राज्य का दौरा करने पर नियमित रुप से आपत्ति जताता रहा है। बीजिंग ने इलाके का नाम जैंगनान रखा है। 

वहीं, भारत ने अरुणाचल पर चीन के दावे को बार-बार खारिज करते हुए कहा है कि यह राज्य देश (भारत) का अभिन्न हिस्सा है। नई दिल्ली ने इलाके का नामकरण करने के चीन के कदम को खारिज करते हुए कहा है कि यह सच्चाई को नहीं बदल सकता।

मोदी के अरुणाचल दौरे के बारे में सोमवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, जैंगनान इलाका चीन का भू-भाग है। चीन ने भारत के तहत अरुणाचल प्रदेश को कभी मान्यता नहीं दी है और इसका पुरजोर विरोध किया है।

उन्होंने कहा कि चीन-भारत सीमा विवाद का हल अब तक नहीं हुआ है। भारत के पास, चीन के जैंगनान के इलाके का मनमाना विकास करने का कोई अधिकार नहीं है।

भाषा
बीजिंग


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