गाजा में युद्धविराम की मांग को लेकर हज़ारों लोगों ने वाशिंगटन में किया मार्च

Last Updated 14 Jan 2024 09:16:59 AM IST

"इज़रायल पर उस समय नरसंहार का आरोप लगाया गया है जब वह ख़ुद नरसंहार से लड़ रहा है" -इज़रायली प्रधान मंत्री, बेंजामिन नेतन्याहू


वाशिंगटन डीसी में गाजा में स्थायी युद्धविराम का आह्वान करने और इज़रायल को अमेरिकी सहायता का विरोध करने पर शनिवार को हज़ारों लोगों ने मार्च निकाला। इजरायल की तरफ से हो रही बमबारी में गजा के 2.3 मिलियन फिलिस्तीनियों में से 1.8 मिलियन को विस्थापित कराया गया है। साथ ही इज़रायल, भूमध्य सागर यानि Mediterranean Sea और मिस्र की सीमा से लगे अधिकांश क्षेत्र मलबे में तबदील हो गए है।

फ़िलिस्तीन और उससे जुड़े समूहों के लिए अमेरिकी मुस्लिम टास्क फ़ोर्स द्वारा आयोजित शनिवार का विरोध प्रदर्शन, इसराइल के "मानवता के ख़िलाफ़ अपराध" की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए आयोजित किया गया। फ़्लायर्स में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों को फ्लोरिडा, मिनेसोटा, टेक्सास, विस्कॉन्सिन और अन्य क्षेत्रों से बसों में लाया जा रहा था।

वाशिंगटन में आयोजक समूहों में से एक, काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस ने कहा कि उन्होंने व्हाइट हाउस को एक पत्र भेजा था जिसमें राष्ट्रपति से गाजा में सभी बंधकों की रिहाई के लिए "पूर्ण और सत्यापन योग्य युद्धविराम" सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया और इज़राइली सरकार को जो अमेरिका से वित्तीय और राजनयिक समर्थन मिल रहा है उसकी समाप्ति के् लिए गुहार लगाई गई ।

इसके अलावा पत्र में इजरायली अधिकारियों को "गाजा नरसंहार के लिए जवाबदेह ठहराने" और फिलिस्तीन पर इजरायली क़ब्ज़े को समाप्त करके न्यायसंगत और स्थायी शांति के लिए बातचीत शुरू करने का भी आह्वान किया गया।

वाशिंगटन में हमास के हमले के बाद शुरू हुए मौजूदा इजरायली हमले के बाद से अमेरिकी राजधानी में ये दूसरी रैली है। ग़ौरतलब है कि बतौर गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय, इजरायली कार्रवाई में कम से कम 23,708 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और 60,000 घायल हुए हैं, जिनमें से अधिकांश नागरिक हैं।

इस सप्ताह की शुरुआत में, दक्षिण अफ्रीका ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में लाए गए एक मामले में इज़राइल पर नरसंहार का आरोप लगाते हुए कहा गया था कि इज़राइल की धुर दक्षिणपंथी सरकार "गाजा में फिलिस्तीनियों को नष्ट करने पर आमादा थी" और "उनके भौतिक विनाश के लिए तैयार की गई" स्थितियाँ पैदा कर रही थी।

इज़राइल ने इस आरोप को "खूनी अपमान" बताया है और कहा है कि गाजा में मरने वालों की संख्या एक आतंकवादी सेना के खिलाफ उसकी लड़ाई का अपरिहार्य परिणाम है। इज़रायली प्रधान मंत्री, बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, कि इज़रायल पर "उस समय नरसंहार का आरोप लगाया गया है जब वह ख़द नरसंहार से लड़ रहा है"।
ऐसा ही एक कार्यक्रम लंदन में हुआ, जिसमें शरणार्थियों और विस्थापित लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले हज़ारों लोगों ने भाग लिया।

वहीं जब गाजा में इज़राइल-हमास संघर्ष को सुलझाने में संयुक्त राज्य अमेरिका की भागीदारी की बात आती है तो अमेरिकी जनता की ओर से कोई स्पष्ट जनादेश नहीं है। एक पोल के तहत लगभग 41% प्रतिशत लोग मानते हैं कि अमरीका "सही कर रहा है" वहीं 39% का कहना है कि या सही नहीं है" जबकि लगभग 10 में से दो यानि 19%का मानना ​​है कि अमेरिका "बहुत अधिक" कर रहा है।

चालीस प्रतिशत रिपब्लिकन और डेमोक्रेट समान रूप से सोचते हैं कि अमेरिका संघर्ष को हल करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहा है, लेकिन 33% रिपब्लिकन की तुलना में 48% डेमोक्रेट कहते हैं कि अमेरिकी भागीदारी लगभग सही है।

कश्फी शमाएल
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment