Russia Ukraine War : रूस ने यूक्रेन के डेन्यूब बंदरगाह पर ड्रोन से किया हमला, अनाज भंडारघर नष्ट
रूस (Russia) के ड्रोन (Drone) ने नाटो (NATO) सदस्य देश रोमानिया से थोड़ी दूरी पर डेन्यूब नदी (Danube river) पर इजमेल में यूक्रेनी बंदरगाह सुविधाओं पर हमला किया है।
![]() रूस ने यूक्रेन के डेन्यूब बंदरगाह पर ड्रोन से किया हमला, अनाज भंडारघर नष्ट |
बीबीसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि हमले में एक अनाज गोदाम, एक यात्री भवन और अनाज भरने में काम आनी वाली एक लिफ्ट सभी क्षतिग्रस्त हो गयी। रूस ने संयुक्त राष्ट्र के उस समझौते को छोड़ने के बाद यूक्रेन के बंदरगाहों को निशाना बनाना शुरू कर दिया, जो दोनों देशों को काला सागर के पार सुरक्षित रूप से अनाज निर्यात करने में सक्षम बनाता था। बुधवार तड़के इजमेल के बंदरगाह क्षेत्र में भीषण आग लग गई। लगभग तीन किमी दूर डेन्यूब के रोमानियाई हिस्से से फिल्माए गए वीडियो में आग की भयावहता दिखाई दी।
रोमानियाई राष्ट्रपति क्लॉस इओहानिस ने ‘रोमानिया के निकट’ यूक्रेनी बुनियादी ढांचे पर रूस के लगातार हमलों की ¨नदा करते हुए इसे अस्वीकार्य बताया है। यूक्रेन की वायु सेना ने रात के दौरान कहा कि रूसी ड्रोन डेन्यूब नदी की ओर जाते हुये दिखायी दिये जहां यूक्रेन के क्षमेल और रेनी दो बंदरगाह हैं। दक्षिण में यूक्रेन की सैन्य कमान ने कहा कि हवाई सुरक्षा लगभग तीन घंटे से काम कर रही है।
ओडेसा के क्षेीय नेता ओलेह किपर ने कहा कि ताजा रूसी हमले की जगह पर आपातकालीन सेवाएं काम कर रही हैं और किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि ‘दुर्भाग्य से क्षति हुई है’ और क्षेत्रीय प्रमुख ने सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें पोस्ट कीं जिससे संकेत मिलता है कि कई संरचनाएं प्रभावित हुईं।
यूक्रेन खाद्यान्न समझौते में रुकावट से यूएन खाद्य एजेंसी का काम प्रभावित : यूक्रेन से खाद्यान्न को अफ्रीका, पश्चिम एशिया तथा एशिया के देशों में निर्यात करने के लिए हुए ऐतिहासिक समझौते में रुकावट आने के कारण संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी का काम प्रभावित हो रहा है जिससे संकटग्रस्ट देशों में मदद पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं।
विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के उप कार्यकारी निदेशक कार्ल एस ने कहा, ‘अब हमें अनाज के लिए किसी और देश से मदद लेनी होगी। हम नहीं जानते कि बाजार की क्या स्थिति रहती है लेकिन खाद्य पदार्थ की कीमतों में वृद्धि होगी। डब्ल्यूएफपी ने मंगलवार को बजट में कटौती का हवाला देते हुए जॉर्डन में दो शिविरों में रह रहे 1,20,000 सीरियाई शरणार्थियों के लिए हर माह दी जाने वाली नकद सहायता राशि को कम करना शुरू कर दियाजिससे शरणार्थी और जॉर्डन के अधिकारी परेशान हैं।
एजेंसी ने कहा कि वह जॉर्डन में 50,000 शरणार्थियों को दी जाने वाली मदद में धीरे-धीरे कटौती करेगी। जॉर्डन में सीरियाई शरणार्थियों ने इस खबर पर निराशा जतायी है क्योंकि वे अभी नौकरी तथा महंगाई से संघर्ष कर रहे हैं। अम्मान में एक सीरियाई शरणार्थी खदीजा महमूद ने कहा, इस फैसले ने हमारी जिंदगियां बर्बाद कर दी है। हम अपार्टमेंट का किराया, बिजली का बिल, पानी का बिल कैसे चुकाएंगे? हमारी इतनी क्षमता नहीं है। दरअसल, रूस ने ‘काला सागर खाद्यान्न समझौते’ से कदम पीछे खींच लिए है। यह समझौता खाद्यान्न संकट से निपटने के लिए यूक्रेन से अनाज का सुरक्षित निर्यात सुनिश्चित कर रहा था।
| Tweet![]() |