भारत को यूक्रेन युद्ध में किसी एक पक्ष को चुनना होगा : वार्नर
अमेरिका के प्रभावशाली सांसद मार्क वार्नर ने बृहस्पतिवार को भारत को अपने नैतिक मूल्यों पर गर्व करने वाला एक शक्तिशाली देश बताते हुए कहा कि उसे कभी न कभी यूक्रेन युद्ध में किसी एक पक्ष को चुनना पड़ेगा।
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वार्नर लंबे समय से अमेरिका और भारत के बीच मजबूत संबंधों की वकालत करते रहे हैं।
खुफिया मामलों से संबंधित सीनेट की प्रवर समिति के अध्यक्ष वार्नर ने चीनी आक्रामकता और उससे मिलने वाली चुनौतियों के सामने डटकर खड़े रहने के लिए भारत की प्रशंसा करते हुए कहा कि यूक्रेन संघर्ष के संबंध में भारत ने अब तक जो कदम उठाए हैं वे पर्याप्त नहीं हैं और वह इससे ज्यादा कर सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान कि यह ‘युद्ध का दौर नहीं है’ का जिक्र करते हुए वार्नर ने कहा, उज्बेकिस्तान में पुतिन के सामने यह टिप्पणी करने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करता हूं लेकिन मुझे लगता है कि एक साल से जारी युद्ध को लेकर कोई बयान देने से ज्यादा, बहुत कुछ किया जा सकता है। भारत कहता रहा है कि वह यूक्रेन में शांति के पक्ष में खड़ा है। साथ ही उसने यूक्रेन तथा रूस के बीच किसी भी शांति पहल में योगदान की इच्छा व्यक्त की है।
वार्नर हाल ही में भारत की यात्रा से लौटे संसद के एक प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। भारत यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी। वार्नर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वर्षों पहले भारत चीन को लेकर ‘किसी पक्ष को चुनने के लिए अनिच्छुक’ था।
उन्होंने कहा, ‘भारत ने अपने निजी हित और चीनी आक्रामकता के कारण एक पक्ष चुना और यह स्वीकार किया कि संघर्ष कोई भी नहीं चाहता है। भारत ऐसे सहयोगियों की तलाश कर रहा है जो चीनी आक्रामकता के खिलाफ खड़े हों, चाहे वह आर्थिक आक्रामकता हो, चाहे वह सैन्य आक्रामकता हो या फिर हिंद महासागर में चीन की आक्रामकता से निपटना हो।
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