MQ-9B Predator: ‘एमक्यू 9बी प्रीडेटर आर्म्ड ड्रोन’ सौदे को जल्द अमली जामा पहनाना चाहते हैं भारत और अमेरिका

Last Updated 02 Feb 2023 11:45:41 AM IST

भारत और अमेरिका तीन अरब डॉलर से अधिक की लागत वाले 30 ‘एमक्यू 9बी प्रीडेटर आर्म्ड ड्रोन’ के सौदे को जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं।


भारत को इससे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और हिंद महासागर के आसपास अपने समग्र निगरानी तंत्र को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

मामले से अवगत अधिकारियों ने विस्तृत ब्यौरा दिए बिना बुधवार को बताया कि पांच साल तक इस पर काम करने के बाद अब ‘‘भारत की ओर से फैसला किया जाना है।’’

‘एमक्यू 9बी प्रीडेटर आर्म्ड ड्रोन’ को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा तथा रक्षा जरूरतों के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है। 30 ड्रोन में से तीनों सेनाओं को 10-10 ड्रोन दिए जाएंगे।

राजनीतिक सैन्य मामलों की सहायक विदेश मंत्री जेसिका लेविस ने इस सौदे में हो रहे विलंब पर किए गए एक सवाल पर कहा, ‘‘ मुझे इस बारे में जानकारी हासिल करनी होगी।’’

इस सौदे की घोषणा 2017 की गर्मियों में की गई थी।

ऐसा माना जा रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर भी चर्चा की। डोभाल ने अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन सहित कई शीर्ष अधिकारियों से यहां मुलाकात की है।

ऐसा माना जा रहा है कि बैठकों में दोनों पक्ष इस बात पर सहमत दिखे कि सौदे को जल्द अंतिम रूप दिया जाना चाहिए।

भारत इसे इसलिए भी जल्द हासिल करना चाहता है क्योंकि ‘एमक्यू 9बी प्रीडेटर आर्म्ड ड्रोन’ से उसे न केवल हिंद महासागर में, बल्कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भी राष्ट्रीय सुरक्षा और निगरानी को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन जल्द से जल्द इस सौदे को अमली जामा पहनाना चाहता है, क्योंकि इससे अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राजनीतिक रूप से भी यह सौदा फायदेमंद होगा।

जनरल एटॉमिक्स ग्लोबल कॉरपोरेशन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विवेक लाल ने ‘न्यूज एजेंसी’ से कहा, ‘‘ एमक्यू-9बी भारतीय सेना को इस श्रेणी में किसी भी अन्य विमान की तुलना में कहीं अधिक दूर तक उड़ान भरने, हवा में अधिक समय रहने और अभियान को अधिकर कारगर बनाने में सक्षम बनाएगा। स्काईगार्डियन और सीगार्डियन वस्तुतः किसी भी स्थिति में, दिन हो या रात, ‘फुल-मोशन’ वीडियो प्रदान कर सकते हैं, साथ ही अपने ‘ऑनबोर्ड सिस्टम’ के साथ अन्य जानकारी भी मुहैया कराते हैं।’’

भाषा
वाशिंगटन


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