रूस की परमाणु ईंधन कंपनी कर रही नए ईंधन का विकास

Last Updated 22 Nov 2022 09:35:53 AM IST

रूसी परमाणु ईंधन निर्माता टीवीईएल फ्यूल कंपनी नए प्रकार के ईंधन और प्रौद्योगिकियों का विकास कर रही है, जो ईंधन भरने के चक्र को बढ़ाते हैं।


रूस की परमाणु ईंधन कंपनी कर रही नए ईंधन का विकास

कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पारंपरिक और फास्ट ब्रीडर रिएक्टरों, 3डी प्रिंटिंग और अन्य के लिए एक संतुलित एकीकृत ईंधन चक्र है।

टीवीई फ्यूल रूस की एकीकृत परमाणु ऊर्जा कंपनी का हिस्सा है। अनुसंधान और विकास के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अलेक्जेंडर उग्युर्मोव ने कहा, "भारत में कुडनकुलम में सभी छह 1,000 मेगावाट इकाइयां टीवीएस 2एम ईंधन से संचालित होंगी। ईंधन को यूनिट 1 में पेश किया गया है।"

यूनिट 1 में इस्तेमाल होने वाले पहले के ईंधन को यूटीवीएस कहा जाता था।

"2024 में हम यूनिट 2 में भी ऐसा ही करेंगे। नए ईंधन के साथ इकाइयां पहले के 12 महीनों से 18 महीने के ईंधन भरने वाले चक्र के साथ काम करेंगी।"

यह बात उग्युर्मोव ने आईएएनएस को बताई।

रूसी सरकार के स्वामित्व वाली रोसाटॉम एक एकीकृत परमाणु ऊर्जा संयंत्र कंपनी है।



उनके अनुसार, जो इकाइयां निर्माणाधीन हैं 3,4,5 और 6 को नए ईंधन बंडलों को रखने के लिए किसी भी संशोधन की आवश्यकता नहीं होगी।

उग्युर्मोव ने कहा कि 6 प्रतिशत संवर्धन के साथ परमाणु ईंधन वीवीईआर-1000 रिएक्टरों के संचालन को 24 महीने के लंबे ईंधन चक्र में सक्षम करेगा।

ईंधन चक्र का विस्तार ईंधन भरने के लिए रुकने से पहले बिजली संयंत्र को लंबी अवधि के लिए काम करता है। परमाणु ऊर्जा संयंत्र जितने लंबे समय तक काम करता है, उतनी ही अधिक बिजली पैदा करता है।

अन्य आर्थिक लाभ हैं, कम ताजा ईंधन असेंबलियों की खरीद और कम विकिरणित ईंधन बंडलों को भी उतारना।

उग्युर्मोव के अनुसार यूरेनियम संवर्धन के साथ पांच प्रतिशत से अधिक ईंधन का उपयोग करने से वार्षिक रूप से प्रतिस्थापित ईंधन बंडलों की मात्रा में कमी आ सकती ह,ै जो बिजली इकाइयों के जीवन चक्र पर एक महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा कि, "टीवीईएल फ्यूल में एक और विकास नई क्लैडिंग सामग्री, क्रोमियम-निकल मिश्र धातु और जिरकोनियम मिश्र धातु के साथ उन्नत प्रौद्योगिकी ईंधन (एटीएफ) का विकास है, जो सुरक्षा को बढ़ाता है।"

उग्युर्मोव ने कहा कि, अगले साल कंपनी जि़रकोनियम क्लैडिंग के साथ ईंधन बंडलों की आपूर्ति शुरू कर देगी।

एक और नई तकनीक थर्मल और फास्ट न्यूट्रॉन रिएक्टरों के साथ दोहरे घटक परमाणु ऊर्जा उद्योग का विकास है, साथ ही बंद परमाणु ईंधन चक्र प्रौद्योगिकियों की शुरुआत है, जो पुर्नसशोधित विकिरणित ईंधन से ताजा यूरेनियम-प्लूटोनियम ईंधन के निर्माण पर आधारित हैं।

तीव्र रिएक्टरों और परमाणु पुनर्चक्रण की प्रौद्योगिकियां रोसाटॉम को अपने विदेशी ग्राहकों को एक नए एकीकृत उत्पाद - संतुलित परमाणु ईंधन चक्र की पेशकश करने में सक्षम बनाती हैं।

इसका उद्देश्य निपटान के लिए भेजे गए परमाणु कचरे की मात्रा और इसके विकिरण गतिविधि स्तर दोनों में मौलिक कमी करना है।

यह घटे हुए यूरेनियम और प्लूटोनियम जैसे द्वितीयक परमाणु ईंधन चक्र उत्पादों की भागीदारी के माध्यम से परमाणु ऊर्जा के फीड-स्टॉक आधार को कई गुना बढ़ा देगा।

उनके अनुसार संतुलित परमाणु ईंधन चक्र अपशिष्ट प्रबंधन की सुरक्षा में सुधार करेगा और भविष्य की पीढ़ियों के लिए परमाणु विरासत को छोड़े बिना पर्यावरणीय जोखिमों को कम करेगा, साथ ही एक स्थायी खपत और उत्पादन मॉडल सुनिश्चित करेगा।

संतुलित परमाणु ईंधन चक्र रूसी परमाणु ऊर्जा क्षेत्र की बड़ी प्रमुख रणनीति का हिस्सा है।

कुडनकुलम इकाइयों को ऐसे ईंधन बंडलों की आपूर्ति पर प्रश्न के लिए, क्योंकि भारत भी एक बंद परमाणु ईंधन चक्र का अनुसरण कर रहा है, उग्युर्मोव ने कहा कि इससे पहले संदर्भ अनुभव होना चाहिए।

2030 तक, संतुलित परमाणु ईंधन चक्र के निर्यात के लिए पर्याप्त संदर्भ अनुभव होगा।

कुडनकुलम रिएक्टरों में खर्च किए गए ईंधन के पुनसंर्साधन पर, उग्युर्मोव ने कहा कि, "रूस भारत के अनुरोध पर उसी का पुनसंर्साधन कर सकता है और पुर्नसशोधित यूरेनियम के साथ ईंधन की आपूर्ति भी कर सकता है।"

आईएएनएस
सोची (रूस)


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