जलवायु संकट से निपटने में अहम भूमिका निभाएगा सीओपी 27

Last Updated 15 Nov 2022 07:34:49 AM IST

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र का सम्मेलन कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज के 27वें संस्करण (सीओपी27) का आयोजन मिस्र के शर्म अल-शेख में हो रहा है।


जलवायु संकट से निपटने में अहम भूमिका निभाएगा सीओपी 27

दुनियाभर से 40 हजार से ज्यादा प्रतिनिधि इसमें हिस्सा ले रहे हैं। एक्शनएड एसोसिएशन भी इस कॉन्फ्रेंस का हिस्सा है।

वैश्विक जलवायु संकट से निपटने की दिशा में सीओपी27 अहम भूमिका निभाएगा। सम्मेलन का आयोजन यह उम्मीद भी जगाता है कि कॉन्फ्रेंस में जलवायु परिवर्तन के कारण सबसे ज्यादा संकट का सामना कर रहे अफ्रीकी महाद्वीप की चिंताओं पर फोकस किया जाएगा।

सीओपी27 में इस बार चर्चा के चार अहम बिंदु अडेप्टेशन, मिटिगेशन, फाइनेंस और कोलैबोरेशन तय किए गए हैं।

देखना यह है कि इन मसलों पर किस हद तक समाधान की राह निकल सकती है, क्योंकि इस जलवायु संकट के सबसे बड़े जिम्मेदार विकसित देश हमेशा अडेप्टेशन और मिटिगेशन के मद में पैसा देने की जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करते रहे हैं।

2009 में विकसित देशों ने मिलकर 2020 तक सालाना 100 अरब डॉलर क्लाइमेट फाइनेंसिंग का वादा किया था ताकि विकासशील देश जलवायु परिवर्तन से निपटने और भविष्य के अनुरूप तैयार होने में सक्षम हो सकें। वैसे तो यह लक्ष्य अपर्याप्त था फिर भी विकसित देश इसे पूरा भी नहीं कर सके।

इस मद में पैसा अनुदान के रूप में देने के बजाय उन्होंने ज्यादातर हिस्सा लोन के रूप में दिया है जिसे अंतत: विकासशील देशों को चुकाना होगा। ओईसीडी के मुताबिक, 2013 से 2019 के बीच 60 प्रतिशत द्विपक्षीय और 88 प्रतिशत बहुपक्षीय क्लाइमेट फाइनेंस लोन के रूप में दिया गया।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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