जलवायु प्रतिबद्धताओं के प्रति भारत का संकल्प प्रदर्शन से स्पष्ट : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि जलवायु संबंधी प्रतिबद्धताओं के प्रति भारत का संकल्प उसके प्रदर्शन से स्पष्ट है और उम्मीद जताई कि जी-7 के समृद्ध देश जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत के प्रयासों का समर्थन करेंगे।
![]() जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज पीएम मोदी का स्वागत करते हुए। |
उन्होंने भारत में उभर रही स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के विशाल बाजार का फायदा उठाने के लिए भी देशों को आमंत्रित किया।
जी-7 शिखर सम्मेलन में ‘बेहतर भविष्य में निवेश: जलवायु, ऊर्जा, स्वास्थ्य’ सत्र में अपने संबोधन में मोदी ने भारत के ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ पर प्रकाश डाला और कहा कि देश ने समय से पहले नौ साल में गैर-जीवाश्म स्रेतों से 40 प्रतिशत ऊर्जा-क्षमता का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल-मिशण्रका लक्ष्य समय से पांच महीने पहले हासिल किया गया है। भारत के पास दुनिया का पहला पूर्ण सौर ऊर्जा संचालित हवाई अड्डा है। भारत की विशाल रेलवे प्रणाली इस दशक में ‘नेट जीरो’ उत्सर्जन वाली बन जाएगी।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब भारत जैसा बड़ा देश ऐसी महत्वाकांक्षा दिखाता है, तो अन्य विकासशील देशों को भी प्रेरणा मिलती है। हमें उम्मीद है कि जी-7 के समृद्ध देश भारत के प्रयासों का समर्थन करेंगे। आज भारत में स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का एक बड़ा बाजार उभर रहा है।’’
उन्होंने कहा कि भारत हर नई तकनीक के लिए जो पैमाना प्रदान कर सकता है, वह उस तकनीक को पूरी दुनिया के लिए किफायती बना सकता है। मोदी ने कहा कि चक्रीय अर्थव्यवस्था के मूल सिद्धांत भारतीय संस्कृति और जीवन शैली का अभिन्न अंग रहे हैं।
जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए दो दिवसीय दौरे पर जर्मनी आए प्रधानमंत्री मोदी का स्कलॉस एलमौ में आगमन पर जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने अगवानी की। सम्मेलन की शुरुआत के पहले प्रधानमंत्री मोदी ने समूह फोटो के लिए एकत्र अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से हाथ मिलाए। मई में क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए जापान में मुलाकात के बाद मोदी और बाइडन की यह पहली भेंट है।
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