'सही सरकारी समर्थन के बिना, श्रीलंका में देखा गया विरोध अन्य देशों में दोहराया जा सकता है'

Last Updated 22 May 2022 11:02:40 PM IST

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉजीर्वा ने कहा कि सरकारों को समाज के सबसे गरीब सदस्यों के लिए भोजन और ऊर्जा की लागत पर सब्सिडी देने की जरूरत है और सही समर्थन के बिना, श्रीलंका में देखा गया विरोध अन्य देशों में दोहराया जा सकता है।


अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉजीर्वा

 बीबीसी से बात करते हुए, जॉजीर्वा ने कहा कि कोविड -19 महामारी से पहले फ्रांस से चिली तक इस तरह की अशांति 'असमानता की भावना बढ़ने' और लोगों के समर्थन के बिना किए जा रहे निर्णयों के कारण हुई थी।

उन्होंने बीबीसी को बताया, "अगर हमें 2019 से कोई सबक सीखना है, अगर नीतिगत फैसलों के बारे में और अधिक विनम्र होना है और लोगों के साथ कई तरह से जुड़ना है, तो नीतियां लोगों के लिए होनी चाहिए, ना कि उस कागज पर जो हम उन्हें लिखते हैं।"

जॉजीर्वा ने बीबीसी को बताया, "जब जीवन संकट की लागत की बात आती है, तो दो प्राथमिकताएं होती हैं, पहला समाज का वह वर्ग जो अब भोजन की कमी और बिजली की कीमतों से जूझ रहा है।

दूसरा, उन व्यवसायों का समर्थन करना है, जो यूक्रेन में युद्ध से 'सबसे अधिक क्षतिग्रस्त' हुए हैं।



जॉजीर्वा इस बात से भी चिंतित हैं कि ज्यादा उधार लिये हुए पैसे का उन सरकारों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, जिन्हें महामारी के माध्यम से प्राप्त करने के लिए भारी कर्ज चुकाना होगा।

इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने कहा कि सरकारों को इस बारे में 'बहुत सावधान' रहने की जरूरत है कि उन्होंने कितना पैसा खर्च किया और किस पर खर्च किया।

आईएएनएस
वाशिंगटन


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