यूक्रेन के साथ वार्ता में कोई सफलता नहीं मिली : रूस
क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति कार्यालय) का कहना है कि यूक्रेन के साथ ताजा दौर की बातचीत में कोई सफलता नहीं मिली है।
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क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बुधवार को कहा कि यह एक ‘‘सकारात्मक कारक’’ रहा कि यूक्रेन ने अपना लिखित प्रस्ताव सौंपा है। हालांकि, पेस्कोव ने कहा, ‘‘हम यह नहीं कह सकते कि कुछ भी आशाजनक रहा या सफलता मिली।’’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि तुर्की में मंगलवार को हुई रूस-यूक्रेन की वार्ता के बाद आगे काफी काम करना बाकी है।
मंगलवार की वार्ता के दौरान, यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उसने शांति समझौते के लिये एक विस्तृत रूपरेखा पेश की है जिसके तहत देश अपने आप को निष्पक्ष घोषित करेगा और अमेरिका, ब्रिटेन, फांस, तुर्की, चीन और पोलैंड जैसे अन्य देश उसकी सुरक्षा की गारंटी देंगे।
यूक्रेनी पक्ष ने यह भी कहा है कि वह क्रीमिया क्षेत्र के भविष्य के संदर्भ में 15 साल की अवधि में वार्ता करने का भी इच्छुक है, जिसे 2014 में रूस ने अपने नियंत्रण में ले लिया था।
पेस्कोव ने कहा कि वार्ता के दौरान रूसी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे व्लादिमीर मेडिंस्की ने इसके निष्कर्ष से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अवगत कराया है।
हालांकि, प्रवक्ता ने वार्ता के बारे में अधिक विवरण साझा नहीं किया।
क्रीमिया को लेकर यूक्रेन द्वारा वार्ता की पेशकश से जुड़े सवाल पर पेस्कोव ने कहा कि देश के संविधान के अनुसार क्रीमिया रूस का अभिन्न अंग है और इस पर चर्चा करने का कोई औचित्य नही है।
भारत ने ‘उद्देश्यपूर्ण सहमति’ का किया आह्वान
भारत ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी वार्ता में ‘उद्देश्यपूर्ण सहमति’ कायम करने का आह्वान किया है और उम्मीद जताई है कि तनाव को तत्काल कम करने की दिशा में जल्द ही सहमति बन सकती है।
रूस और यूक्रेन ने मंगलवार को इस्तांबुल में वार्ता की। रूस ने कहा कि वह यूक्रेन की राजधानी कीव और एक उत्तरी शहर के पास सैन्य अभियानों को कम करेगा।
रूस के इस बयान से 24 फरवरी से शुरू हुए युद्ध को समाप्त करने के लिए एक समझौता होने की उम्मीद जगी है।
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