हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य ताकत बढ़ाएगा अमेरिका

Last Updated 15 Dec 2021 01:58:04 AM IST

अमेरिका के विदेश मंत्री ने एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका एशिया के अपने साझेदारों के साथ सैन्य और आर्थिक संबंधों का विस्तार करेगा, ताकि चीन की हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती आक्रामकता का मुकाबला किया जा सके।


अमेरिका के विदेश मंत्री ने एंटनी ब्लिंकन

ब्लिंकन ने कहा कि (राष्ट्रपति जो) बाइडन प्रशासन क्षेत्र में शांति और समृद्धि कायम रखने को लेकर प्रतिबद्ध है और वह अमेरिका के गठबंधन को मजबूत कर, नए साझेदार बना कर और अमेरिकी सैन्य की प्रतिस्पर्धी बढ़त को कायम कर यह सुनिश्चित करेगा।

उन्होंने हिंद-प्रशांत को लेकर प्रशासन की योजना को रेखांकित करते हुए इंडोनेशिया में कहा, ‘‘खतरा मंडरा रहा है, हमारी सुरक्षा तैयारी उसके ईर्द-गिर्द है। यह करने के लिए हम अपनी सबसे बड़ी ताकत की ओर झुकेंगे, जो हमारा गठबंधन और साझेदारी है।’’ब्लिंकन दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के एक सप्ताह के दौरे के तहत पहले पड़ाव इंडोनेशिया पहुंचे हैं।

वह मलेशिया और थाईलैंड भी जाएंगे। चीन की बढ़ती आक्रामकता का मुकाबला करना, खासतौर पर दक्षिण चीन सागर में हांगकांग और ताइवान के खिलाफ उनके एजेंडे में है। ब्लिंकन ने कहा, ‘‘हम ऐसी रणनीति अंगीकार करेंगे जो हमारी राष्ट्रीय ताकत - कूटनीति, सैन्य, खुफिया सूचना- को हमारे साझेदारों और सहयोगियों के साथ लाती है।’’ उन्होंने कहा कि इसमें अमेरिकी और एशियाई रक्षा उद्योग को जोड़ना, आपूर्ति श्रृंखला को एकीकृत करना और प्रौद्योगिकी व नवोन्मेष में सहयोग करना शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘यह हमारी ताकत को मजबूत करने के लिए है, ताकि हम शांति कायम रख सकें, जैसा हमने दशकों से इस क्षेत्र में किया है।’ ब्लिंकन ने जोर देकर कहा कि अमेरिका देशों को उसके और चीन के बीच चुनने पर जोर नहीं दे रहा है और न ही चीन के साथ संघर्ष चाहता है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने बीजिंग के ‘उत्तर पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्वी एशिया में मेकॉन्ग नदी से प्रशांत द्वीपों तक आक्रामक रुख’ की शिकायत की।

ब्लिंकन ने कहा, ‘‘क्षेत्र के देश चाहते हैं कि उसके (चीन) व्यवहार में बदलाव आए। हम करेंगे। हम दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र नौवहन को लेकर प्रतिबद्ध हैं। यही वजह है कि हम ताइवान जलडमरुमध्य में शांति और स्थिरता को लेकर रुचि ले रहे हैं।’’

ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका क्षेत्र में पांच संधि सहयोगियों -ऑस्ट्रेलिया, जापान, फिलीपीन, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड- के जरिये मजबूत संबंध बनाएगा। उनके बीच संबंधों को बढ़ावा देगा और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ के साथ साझेदारी को मजबूत करेगा जिसके कई सदस्य देश चीन से खतरा महसूस करते हैं।

एपी
जकार्ता


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