रूस ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर किया वीटो

Last Updated 15 Dec 2021 02:05:00 AM IST

रूस ने जलवायु परिवर्तन को अंतरराष्ट्रीय शांति एवं स्थिरता के लिए खतरा बताने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अपनी तरह के पहले प्रस्ताव पर सोमवार को वीटो कर दिया।


रूस ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर किया वीटो

इसी के साथ ही संयुक्त राष्ट्र की सबसे शक्तिशाली संस्था में वैश्विक ताप वृद्धि को निर्णय निर्धारण में अधिक केंद्रीय बनाने के लिए एक साल तक चला प्रयास विफल हो गए।

आयरलैंड और नाइजीरिया के नेतृत्व में इस प्रस्ताव में ‘जलवायु परिवर्तन के सुरक्षा असर पर जानकारी को’ संघर्षं से निपटने के लिए परिषद की रणनीतियों में शामिल करने का आह्वान किया गया।

आयरलैंड के राजदूत गेराल्डिन बायन्रे नैसन ने कहा कि यह ‘लंबे समय से लंबित’ था और संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा संबंधित शीर्ष संस्था इस मुद्दे को उठाए। परिषद ने 2007 के बाद से जलवायु परिवर्तन के सुरक्षा पर पड़ने वाले असर पर कभी-कभी ही चर्चा की है और उसने प्रस्ताव पारित किए जिसमें विशिष्ट स्थानों जैसे कि विभिन्न अफ्रीकी देशों और इराक में ताप वृद्धि के खतरनाक असर का जिक्र किया गया है।

सोमवार के प्रस्तावित प्रस्ताव में कहा गया है कि खतरनाक तूफान, समुद्र का बढ़ता स्तर, बार-बार आने वाली बाढ़ और सूखा तथा ताप वृद्धि के अन्य असर सामाजिक तनाव और संघर्ष भड़का सकते हैं जिससे ‘वैश्विक शांति, सुरक्षा और स्थिरता को अहम जोखिम हो सकता है।’

संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 113 ने इसका समर्थन किया, जिसमें परिषद के 15 में से 12 सदस्य शामिल हैं। लेकिन भारत और वीटो का अधिकार रखने वाले रूस ने इसके विपक्ष में वोट किया जबकि चीन ने मतदान में भाग नहीं लिया।

रूस के राजदूत वासिली नेबेंजिया ने शिकायत की कि सोमवार को प्रस्तावित प्रस्ताव ‘एक वैज्ञानिक और आर्थिक मुद्दे को राजनीतिक सवाल’ में बदल देगा और परिषद का ध्यान विभिन्न स्थानों पर संघर्ष के ‘वास्तविक’ स्रोतों से भटका देगा। भारत और चीन ने संघर्ष को जलवायु परिवर्तन से जोड़ने के विचार पर सवाल खड़ा किया।

एपी
न्यूयॉर्क


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