म्यांमार की सेना ने जवाबी हमले में 11 ग्रामीणों को जिंदा जलाया
म्यांमार के उत्तर-पश्चिम हिस्से में सरकारी सैनिकों ने सेना के एक काफिले पर हमले के प्रतिशोध में एक गांव पर छापेमारी की, कुछ लोगों को पकड़ा, उनके हाथ बांध दिए और फिर उन्हें जिंदा जला दिया। यह जानकारी प्रत्यक्षदर्शियों और कुछ अन्य खबरों में दी गई है।
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सगाइंग क्षेत्र के डोने ताव गांव में जले हुए शवों की तस्वीरें और वीडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुई। ऐसा कहा जा रहा है कि ग्रामीणों की हत्या कर उन्हें आग के हवाले करने के तुरंत बाद ही उन तस्वीरों को लिया गया था। हालांकि, अभी तक इन तस्वीरों और वीडियो की कोई पुष्टि नहीं हुई है।
मंगलवार को हमले के बाद सोशल मीडिया पर आए वीडियो में 11 ग्रामीणों के जले हुए शव दिख रहे हैं। माना जा रहा है कि इनमें कुछ किशोर भी थे।
समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) को एक व्यक्ति ने बताया कि वह घटना स्थल पर गया था और वहां वैसा ही नजारा था, जैसा कि स्वतंत्र म्यांमार मीडिया द्वारा बताया गया है। सरकार ने इस बात से इंकार किया है कि इलाके में उसके सैनिक थे।
डोने ताव इलाके में हत्या की घटना की म्यांमार की भूमिगत नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट ने ¨नदा की है। यह संगठन सैन्य सरकार के स्थान पर खुद को देश की वैकल्पिक सरकार बताता है।
संगठन के प्रवक्ता सासा ने कहा कि सैन्य काफिले पर सड़क किनारे बम से हमला हुआ था और सैनिकों ने डोने ताव में पहले गोलीबारी कर फिर गांव पर हमला कर और फिर जो भी सामने आया उसे पकड़कर बदला लिया।
उन्होंने बताया कि मारे गए लोगों की उम्र 14 वर्ष से 40 वर्ष के बीच थी। यदि इस घटना की पुष्टि हो जाती है, तो यह फरवरी में आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार को बेदखल कर सेना के सत्ता की बागडोर अपने हाथ में लेने के बाद से देश में हो रही हिंसक कार्रवाई का एक और उदाहरण होगा।
चश्मदीद ने ‘एपी’ को बताया कि करीब 50 सैनिक मंगलवार पूर्वाह्न करीब 11 बजे गांव पहुंचे और हर उस शख्स को उन्होंने पकड़ लिया, जो वहां से भागने में असफल रहा। खुद को किसान बताने वाले चश्मदीद ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर कहा, ‘उन्होंने 11 मासूम ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया था।’
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