तकनीकी कारणों से यूएन कोविड-19 समिट ने अदार पूनावाला का वीडियो किया नामंजूर

Last Updated 05 Dec 2020 10:49:40 AM IST

संयुक्त राष्ट्र कोविड-19 शिखर सम्मेलन में दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला का एक पहले से रिकॉर्ड किया गया वीडियो संदेश नामंजूर कर दिया गया है।


अदार पूनावाला (फाइल फोटो)

पूनावाला दोपहर के 'द रोड टू अ कोविड-19 वैक्सीन - अ ग्लोबल पब्लिक गुड' सत्र में बोलने वाले थे। महासभा के प्रवक्ता ब्रेंडेन वर्मा ने बताया, "दुर्भाग्य से, वीडियो आवश्यक प्रारूप में समय पर उपलब्ध नहीं कराया गया। हालांकि वर्मा ने वीडियो के आवश्यक प्रारूप पर या वीडियो कब और कैसे आया, इस बारे में कुछ नहीं बताया।"

हालांकि पूनावाला प्ले-आउट के लिए तैयार लग रहे थे। उन्होंने ट्वीट किया था, "आज रात कोविड-19 पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष सत्र में सौ से अधिक वैश्विक नेताओं और राष्ट्रों को संबोधित करना, इस असाधारण वैश्विक महामारी से लड़ने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका और योगदान को उजागर करना मेरे लिए सम्मान और विशेषाधिकार की बात है।"

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. ट्रेडोस अडेनॉम गेब्रेयसस और बायोएनटेक के सीईओ प्रो. उगुर साहिन, डॉ. ओजलेम ट्यूरेसी और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी/एस्ट्राजेनेका की प्रो. सारा गिल्बर्ट वाले पैनल के बाद पूनावाला की टिप्पणी प्रदर्शित की जानी थी।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने कोविड-19 पर इस विशेष दो दिवसीय सत्र को विश्व के अग्रणी वैज्ञानिकों और सहयोगी वैक्सीन प्रयासों को एक साथ लाने में नौ महीने से अधिक का समय लिया।

पूनावाला का सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन का बड़े पैमाने पर निर्माण कर रहा है और सप्ताह के भीतर आपातकालीन प्राधिकरण के लिए फाइल करने की उम्मीद है। पुणे में कंपनी के मुख्यालय में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 28 नवंबर की यात्रा के बाद पूनावाला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जुलाई 2021 तक भारत सरकार 'कोविशिल्ड' की 30- 40 करोड़ डोज खरीद लेगी।

एस्ट्राजेनेका ने बताया कि उनकी वैक्सीन औसतन 70 प्रतिशत कोविड-19 बीमारी को रोकने में प्रभावी है। लगभग 3,000 प्रतिभागियों को आधी खुराक दी गई और फिर चार सप्ताह बाद पूरी खुराक दी गई और इसने परीक्षण में सबसे अच्छा प्रभाव दिखाया, जो लगभग 90 प्रतिशत रहा। लगभग 9,000 प्रतिभागियों के बड़े समूह को चार सप्ताह के लिए दो पूरी खुराक दी गई थी, जिसमें प्रभावकारिता 62 प्रतिशत रही।

आईएएनएस
संयुक्त राष्ट्र


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