जम्मू-कश्मीर को लेकर तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन के बयान पर भारत ने जताई कड़ी आपत्ति
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च स्तरीय चर्चा में जम्मू-कश्मीर पर की गई तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन की टिप्पणियों को ‘‘पूरी तरह से अस्वीकार्य’’ बताया है।
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन (फाइल फोटो) |
भारत ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन की टिप्पणियों को ‘‘पूरी तरह से अस्वीकार्य’’ बताते हुए कहा कि अंकारा को दूसरे देशों की सम्प्रभुता का सम्मान करना चाहिए और अपनी खुद की नीतियों पर गहराई से विचार करना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘ हमनें भारत के केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पर तुर्की के राष्ट्रपति की टिप्पणियां सुनी। वे भारत के आंतरिक मामलों में व्यापक हस्तक्षेप करने वाली हैं और यह पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। तुर्की को अन्य देशों की सम्प्रभुता का सम्मान करना चाहिए और अपनी खुद की नीतियों पर गहराई से विचार करना चाहिए।’’
We have seen remarks by President of Turkey on Indian UT of Jammu & Kashmir. They constitute gross interference in India’s internal affairs and are completely unacceptable. Turkey should learn to respect sovereignty of other nations and reflect on its own policies more deeply.
— PR UN Tirumurti (@ambtstirumurti) September 22, 2020
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र में आम चर्चा में अपने रिकॉर्डेड संदेश में एदरेआन ने जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा था कि कश्मीर का मुद्दा, ‘‘जो दक्षिण एशिया की स्थिरता और शांति के लिए भी महत्वपूर्ण है, वह अब भी एक ज्वलंत मुद्दा है। जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के लिए उठाए गए कदमों ने इस समस्या को और बढा दिया है।’’ उन्होंने कहा कि तुर्की ‘‘संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के मसौदों के तहत और विशेष रूप से कश्मीर के लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप, बातचीत के जरिए इस मामले को हल करने के पक्ष में हैं।’’
पाकिस्तान के करीबी सहयोगी तुर्की के राष्ट्रपति ने पिछले साल महा सभा कक्ष में उच्च स्तरीय चर्चा में भी कश्मीर का मुद्दा उठाया था।
भारत कश्मीर मामले पर तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को लगातार खारिज करता रहा है और उसका कहना है कि भारत-पाकिस्तान संबंधों से जुड़े सभी लंबित मामले द्विपक्षीय रूप से हल किए जाने चाहिए।
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