पाकिस्तान ने नवाज को भगोड़ा घोषित किया
पाकिस्तान सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को ‘भगोड़ा’ घोषित कर दिया है और उनके प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटिश सरकार से संपर्क किया है। वह इलाज के लिए अभी लंदन में हैं।
![]() पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (फाइल फोटो) |
जवाबदेही एवं आंतरिक मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार शहजाद अकबर ने कहा कि मेडिकल आधार पर शरीफ की चार हफ्तों की जमानत की अवधि पिछले साल दिसम्बर में समाप्त हो गई। अकबर के हवाले से डॉन न्यूज ने शनिवार को बताया, सरकार शरीफ को एक भगोड़ा मान रही है। उनके प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटिश सरकार को एक अनुरोध भेजा जा चुका है। भ्रष्टाचार के एक मामले में शरीफ को एक जवाबदेही अदालत ने कैद की सजा सुनाई थी।
शरीफ ने पिछले हफ्ते लाहौर की एक अदालत को सूचना दी कि वह देश लौटने में असमर्थ हैं क्योंकि उनके चिकित्सकों ने उन्हें कोरोना महामारी के चलते वहां नहीं जाने को कहा है। शरीफ ने अपने वकील के जरिये लाहौर हाईकोर्ट को अपनी मेडिकल रिपोर्ट सौंपी और कहा कि चिकित्सकों ने उन्हें महामारी के चलते बाहर नहीं जाने की सलाह दी है क्योंकि उनके रक्त में प्लेटलेट कम है, वह मधुमेह, हृदय, किडनी और रक्तचाप से जुड़ी समस्याओं से ग्रसित हैं।
अकबर ने कहा, सरकार राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो से शरीफ के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने को कहेगी और वह शहबाज शरीफ की गारंटी की कानूनी वैधता पर भी गौर कर रही है, जो अपने बड़े भाई को उपचार के बाद अपने साथ पाकिस्तान लाने वाले हैं। सोशल मीडिया पर एक नई तस्वीर साझा किए जाने के बाद उनकी यह टिप्पणी आई है। तस्वीर में यह दिख रहा है कि शरीफ लंदन की सड़कों पर अपने बेटे हसन नवाज के साथ एक छाता लिए टहल रहे हैं।
पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके शरीफ (70) इलाज के लिए लंदन में हैं। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में समस्या का पता चलने के बाद वह वहां गये थे। वह पिछले साल नवम्बर में ब्रिटेन गए थे। लाहौर हाईकोर्ट ने इलाज के लिए उन्हें चार हफ्ते के लिए विदेश जाने की इजाजत दी थी। अकबर ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री ने प्रयोगशाला की फर्जी जांच रिपोर्ट सौंपी थी।
कानून मंत्रालय और ब्यूरो तथा जेल विभाग को उनकी जमानत की अवधि खत्म होने तथा इसमें विस्तार का अनुरोध खारिज होने से अवगत करा दिया गया है। ब्रिटिश सरकार को भी इस घटनाक्रम से दो मार्च को अवगत करा दिया गया, साथ ही उनके प्रत्यर्पण का अनुरोध भी किया गया।
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