प्रभुत्ववाद सफल नहीं होगा : चीन

Last Updated 18 Aug 2020 01:47:54 AM IST

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लिच्यान ने 17 अगस्त को एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका के प्रस्ताव मसौदे पर सुरक्षा परिषद के मतदान परिणाम से फिर एक बार जाहिर है कि एकतरफावाद को व्यापक समर्थन नहीं मिला है और प्रभुत्ववाद सफल नहीं होगा।


चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लिच्यान

खुद के हितों को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के हितों से ऊपर रखने वाली कोई भी चेष्टा पूरी तरह विफल होगी। 14 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ईरान के खिलाफ हथियार पाबंदी को बढ़ाने के अमेरिका द्वारा पेश किये गये प्रस्ताव मसौदों पर मतदान दिया, लेकिन इसे पारित नहीं किया गया। चीन और रूस ने विपक्ष में मतदान किया, जबकि फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी आदि 11 देश तटस्थ रहे। केवल अमेरिका और डोमिनिका ने पक्ष में मतदान किया।

इस की चर्चा में चीनी प्रवक्ता चाओ ने कहा कि इधर के वर्षों में अमेरिका ने एकतरफावाद की नीति लागू कर अमेरिकन फस्र्ट का आह्वान किया और खुद के अंतर्राष्ट्रीय कर्तव्य को त्यागा। अमेरिका मनमाने ढंग से अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से हटता है, जिससे उसकी प्रतिष्ठा खो चुकी है। चीन ने अमेरिका से यथाशीघ्र ही एकतरफावाद को छोड़कर तर्कसंगत और व्यावहारिक रवैया अपनाने और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का कार्यान्वयन करने के सही रास्ते में वापस लौटने की अपील की है।

हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने टिक-टॉक संबंधी आज्ञा जारी की। इसकी चर्चा में चीनी प्रवक्ता चाओ लिच्यान ने 17 अगस्त को कहा कि प्रभुत्ववादी कार्यवाई ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नियम का उल्लंघन किया है, अन्य देशों के हितों को नुकसान पहुंचाया है, साथ ही अमेरिका के खुद के हितों को भी क्षति पहुंची है। चाओ ने कहा कि अमेरिका के कुछ राजनीतिज्ञों की नजर में राष्ट्रीय सुरक्षा अमेरिका द्वारा दूसरों देशों पर दबाव डालने का सार्वभौमिक कारण बन चुका है।

अमेरिकी एफबीआई की संबंधित रिपोर्ट से जाहिर है कि कोई सबूत नहीं है कि चीन ने टिक टॉक के डेटा की चोरी की या टिक टॉक का इस्तेमाल कर उपभोक्ताओं के मोबाइल में सेंध मारी। अमेरिका के थिंक टैंक ने भी कहा कि केवल किसी एप्प के चीन का होने की वजह से एप्प पर पाबंदी लगाने की कार्रवाई ठीक नहीं है। चीनी प्रवक्ता चाओ ने अमेरिका से तुरंत गलती को ठीक कर चीन को बदनाम करने की कार्यवाही को बंद करने और मनमाने रूप से दूसरे देशों के उद्यमों पर हमला करने को रोकने का आह्वान किया।

आईएएनएस
बीजिंग


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