भारत के साथ मतभेद सुलझाने को तैयार : चीन

Last Updated 18 Aug 2020 01:55:41 AM IST

चीन ने सोमवार को कहा कि वह आपसी राजनीतिक भरोसा बढ़ाने, अपने मतभेदों को उचित तरीके से सुलझाने और द्विपक्षीय संबंधों की रक्षा के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।


भारत के साथ मतभेद सुलझाने को तैयार : चीन

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की। पश्चिमी मीडिया के एक पत्रकार ने प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान पर चीन की प्रतिक्रिया मांगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय सैनिकों ने देश की संप्रभुता को चुनौती देने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया। मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किला की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि एलओसी (नियंत्रण रेखा) से एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई उसे उसकी ही भाषा में जवाब दिया गया।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ ने कहा, हमने प्रधानमंत्री के संबोधन का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा, हम करीबी पड़ोसी हैं, एक अरब से ज्यादा आबादी के साथ हम उभरते हुए देश हैं। इसलिए द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति न केवल दोनों देशों के लोगों के हित में है बल्कि यह क्षेत्र और समूचे विश्व की स्थिरता, शांति और समृद्धि के हित में भी है। दोनों पक्षों के लिए सही रास्ता एक-दूसरे का सम्मान और समर्थन करना है क्योंकि यह हमारे दीर्घकालिक हितों को पूरा करता है। प्रवक्ता ने कहा, इसलिए चीन आपसी राजनीतिक भरोसा बढ़ाने, मतभेदों को उचित तरीके से सुलझाने और व्यावहारिक सहयोग तथा दीर्घावधि में द्विपक्षीय संबंधों के हितों की रक्षा के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।
नेपाल-भारत में उच्चस्तरीय वार्ता  : भारत और नेपाल के शीर्ष राजनयिकों ने सोमवार को डिजिटल बैठक कर भारत की मदद से नेपाल में चल रही विकास संबंधी विभिन्न परियोजना की प्रगति की समीक्षा की।

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी को भारत के 74वें गणतंत्र दिवस की बधाई दी थी, जिसके बाद यह बैठक हुई है। नेपाल के मई में नया राजनीतिक मानचित्र जारी करने से भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में तल्खी आने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली उच्च-स्तरीय वार्ता है।
नेपाल के विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, नेपाली विदेश सचिव शंकर दास बैरागी और नेपाल में भारतीय राजदूत विजय मोहन क्वात्रा ने इस समीक्षा बैठक में अपने-अपने देश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। सूत्रों ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते डिजिटल माध्यम से हुई इस बैठक में नेपाल में भारत की मदद से चल रही विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक के बारे में और जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आठ मई को उत्तराखंड के धारचुला को लिपुलेख र्दे से जोड़ने वाली सामरिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था। नेपाल ने इसका विरोध करते हुए दावा किया था कि यह सड़क उसके क्षेत्र से होकर गुजरती है। इसके कुछ समय बाद नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया, जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को उसके क्षेत्र में दिखाया गया है।

भाषा
पेइचिंग/काठमांडू


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