कमला हैरिस ने कहा, मुझे मेरी भारतीय विरासत पर गर्व है
सीनेटर कमला हैरिस ने अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के तौर पर पहली बार भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अपनी भारतीय विरासत पर गर्व है।
![]() अमेरिकी सीनेटर कमला हैरिस (फाइल फोटो) |
हैरिस ने ‘इंडियंस फॉर बिडेन नेशनल काउंसिल’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शनिवार को कहा कि आज 15 अगस्त, 2020 के दिन मैं दक्षिण एशियाई मूल की पहली अमेरिकी उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर खड़ी हूं। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों और अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी लोगों को मैं स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देती हूं। पूरे भारत में पुरुषों एवं महिलाओं ने 15 अगस्त, 1947 के दिन देश की आजादी की घोषणा का जश्न मनाया था।
हैरिस का जन्म कैलिफोर्निया के ओकलैंड में 20 अक्टूबर 1964 को हुआ था। उनकी मां श्यामला गोपालन भारत के तमिलनाडु से अमेरिका आई थीं, जबकि उनके पिता डोनाल्ड जे हैरिस जमैका से अमेरिका आए थे। हैरिस ने कहा कि मेरी मां श्यामला 19 साल की आयु में जब कैलिफोर्निया में विमान से उतरी थीं, तो उनके पास बहुत कुछ नहीं था, लेकिन उनके माता-पिता- मेरी नानी राजन और मेरे नाना पीवी गोपालन से मिली सीख उनके साथ थीं। उन्होंने उन्हें सिखाया कि जब आप दुनिया में अन्याय देखते हैं, तो इसे दूर करने के लिए कुछ करना आपका दायित्व होता है। हैरिस ने कहा कि इसी ने मेरी मां को उस समय ओकलैंड की गलियों में प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया, जब असैन्य अधिकार आंदोलन चरम पर था। यह ऐसा आंदोलन था जिसमें डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर जैसे नेता भी महात्मा गांधी के अ¨हसक आंदोलनों से प्रेरित थे।
उन्होंने बताया कि इन्हीं प्रदर्शनों के दौरान उनकी मां और उनके पिता की मुलाकात हुई और आगे की कहानी सभी को पता है। हैरिस ने कहा कि मेरी मां मुझे और मेरी बहन माया को उस समय मद्रास कहे जाने वाले शहर ले जाया करती थीं, क्योंकि वह चाहती थीं कि हम यह समझ सकें कि वह कहां से आई हैं और हमारे पूर्वज कहा हैं। वह हमारे अंदर अच्छी इडली के लिए प्यार पैदा करना चाहती थीं।
उन्होंने कहा कि मैं मद्रास (चेन्नई) में अपने नाना के साथ दूर तक टहलने जाया करती थी, जो उस समय सेवानिवृत्त हो गए थे। मैं उनकी उंगली पकड़कर सुबह उनके साथ टहलने जाती थी और वह मुझे उन नायकों की कहानी सुनाया करते थे, जिनके कारण दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का जन्म हुआ। उनके द्वारा दी गई शिक्षा बड़ा कारण हैं, जिनकी वजह से मैं आज यहां हूं।
बिडेन ने किया एच-1बी वीजा प्रणाली में सुधार का वादा
अमेरिका में नवम्बर में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और पूर्व उप राष्ट्रपति रहे जो बिडेन ने सत्ता में आने पर भारतीयों के लिए विशेष मायने रखने वाली एच-1बी वीजा प्रणाली में सुधार और ग्रीन कार्ड धारकों के लिए देश कोटा को भी खत्म करने का वादा किया है।
बिडेन ने रविवार को कहा कि यदि वह चुनाव जीतते है तो एच-1बी वीजा पण्राली में बदलाव और सुधार करने के प्रति काम करेंगे। एच-1बी वीजा दरअसल एक गैर आप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विशेष व्यवसायों में विदेशी कर्मचारियों को नौकरी पर रखने और नियुक्त करने की अनुमति देता है जिसमें आईटी क्षेत्र के रूप में सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। अमेरिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों योग्य कर्मचारियों को नौकरी देने के लिए एच-1बी वीजा पर अत्यधिक निर्भर रहती हैं। इसके अलावा उन्होंने भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अमेरिका में भारतीय वोटरों को लुभाने के लिए परिवार आधारित वीजा पण्राली का समर्थन और धार्मिक कार्यकर्ता वीजा के लिए प्रकिया को सुव्यवस्थित करने की बात कही।
| Tweet![]() |