कोरोना लॉकडाउन हटाने के दौरान भारत के लिए जनसंख्या घनत्व चुनौती: स्वामीनाथन

Last Updated 02 Jun 2020 02:53:24 PM IST

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की उप-महानिदेशक सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि भारत द्वारा कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन को हटाने के दौरान उसके सामने प्रमुख चुनौती जनसंख्या घनत्व को लेकर है। हालांकि उन्होंने आशा जताते हुए यह भी कहा कि इससे निपटने के लिए देश के अंदर अच्छे मॉडल मौजूद हैं।




डब्ल्यूएचओ की उप-महानिदेशक सौम्या स्वामीनाथन (फाइल फोटो)

उन्होंने सोमवार को कहा, "मुझे लगता है कि बड़ी चुनौतियां हैं। मेरे ख्याल से जो विशिष्ट चुनौतियों में से एक है, वह जनसंख्या का घनत्व है, खासकर शहरी क्षेत्रों में।"

स्वामीनाथन डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक भी हैं। उन्होंने कहा, "भारत के अंदर अच्छे मॉडल हैं, जिन्होंने दिखाया है कि यह करना संभव है और इसलिए हमें आशावादी बने रहना है।"

भारत के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना के 70 प्रतिशत मामले और मौतें 13 सबसे अधिक प्रभावित शहरों में हुई हैं। इन आंकड़ों को देखते हुए उन्होंने कहा, "वास्तव में हमें यहीं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है और यहां तक कि उन शहरों के अंदर भी ऐसे क्षेत्र हैं, जो रोग के माइक्रोक्लस्टर्स हैं। वहां के लोग सबसे कमजोर परिस्थितियों में हैं।"

जिनेवा में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण को कम करने की चुनौतियों को स्थानीय समुदाय से जुड़ी रणनीति के साथ पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक योजना को विकसित करना और वास्तविक डेटा पर आधारित भागीदारी जैसे कदम उठाए जाने चाहिए।

स्वामीनाथन ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार परीक्षण, संपर्क का पता लगाना और निरंतर निगरानी के साथ-साथ योजनाओं की निरंतर पुर्नसंरचना किए जाने की आवश्यकता है।

वहीं डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य आपात परियोजना की तकनीकी प्रमुख और महामारी विशेषज्ञ मारिया वान केरखोव ने चेतावनी दी है कि लॉकडाउन हटाए जाने के दो से तीन सप्ताह बाद कोरोना के मामलों में वृद्धि हो सकती है और सभी को इसके लिए हाई अलर्ट पर होना चाहिए।

उन्होंने कहा, कुछ देशों में लॉकडाउन हटाए जाने के साथ एक बार फिर से वृद्धि देखने जा रहे हैं, और यह जरूरी नहीं कि यह एक नकारात्मक चीज है, हम और अधिक मामलों को नहीं देखना चाहते हैं, बल्कि हम संक्रमण के संचार को खत्म देखना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि इसके लिए मामलों में वृद्धि की पर्याप्त निगरानी और इसकी रिपोर्ट करना महत्वपूर्ण है।

आईएएनएस
संयुक्त राष्ट्र


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