विश्व शक्तियों ने लीबिया में शांति का संकल्प लिया
विश्वभर के नेताओं ने लीबिया में युद्ध में सभी तरह की विदेशी दखल को खत्म करने का रविवार को संकल्प लिया और बर्लिन के सम्मेलन में हथियारों पर प्रतिबंध को बरकरार रखा।
बर्लिन में रविवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के साथ मंत्रणा करते लीबिया मसले के वार्ताकार। |
ऐसा वहां जारी संघर्ष को समाप्त करने की व्यापक योजना के तहत किया गया है। रूस, तुर्की और फ्रांस के राष्ट्रपतियों समेत विश्व नेताओं ने युद्ध में किसी भी रूप में दलख को रोकने की योजना पर हस्ताक्षर किए, चाहे वह दखल हथियारों के रूप में हो, सैनिकों के रूप में या फिर वित्तपोषण के तौर पर हो। हालांकि सम्मेलन युद्धरत पक्षों के बीच गंभीर वार्ता तक नहीं पहुंची। इस दौरान दोनों पक्षों ने स्थायी युद्धविराम समझौते पर भी हस्ताक्षर नहीं किए।
यह संघर्ष शक्तिशाली नेता खलीफा हफ्तार और संयुक्त राष्ट्र की ओर से मान्यता प्राप्त सरकार के प्रमुख फयेज अल सराज के बीच चल रहा है। सम्मेलन की मेजबान जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा, लीबिया में बिलकुल अलग किस्म के हालात हैं, जिनमें तुरंत यह सुनिश्चित करना कि संघषर्विराम का सम्मान हो, यह आसान नहीं है। लेकिन हमें उम्मीद है कि आज के सम्मेलन से हमारे पास यह मौका है कि युद्धविराम आगे कायम होगा।
वर्ष 2011 में तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी की मौत के बाद से लीबिया में अराजकता की स्थिति है। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एदरेगन ने वार्ता से पहले कहा था कि लीबिया में शांति कायम करनी है तो हफ्तार को अपना शत्रुतापूर्ण रवैया छोड़ना होगा।
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