ट्विटर ने राजनैतिक प्रचार सामग्री पर लगाई पाबंदी
ट्विटर ने अपने जरिये राजनैतिक सामग्री के प्रचार पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया है। कंपनी ने यह फैसला राजनेताओं के बारे में सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाएं डाले जाने के बाद हुई आलोचना के मद्देनजर लिया है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी जैक डोरसे (file photo) |
मुख्य कार्यकारी अधिकारी जैक डोरसे ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि ‘मशीन लर्निंग’ तकनीक से अविश्वसनीय सूचनाओं को रोक पाने में समस्या आने की वजह से यह निर्णय लिया गया है।
उन्होंने ट्वीट किया कि हालांकि, इंटरनेट द्वारा प्रचार अविश्वसनीय रूप से शक्तिशाली माध्यम है, लेकिन शक्ति से राजनीति को खतरा है, जहां इसका इस्तेमाल वोट और करोड़ों लोगों के जीवन को प्रभावित करने के लिए किया जा सकता है।
गौरतलब है कि फेसबुक पर राजनैतिक प्रचार के तथ्यों की जांच करने के लिए गहरा दबाव रहा है। फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि राजनैतिक प्रचार से राजस्व में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं होती, लेकिन उनका मानना है कि सभी को अपनी बात कहने का मौका मिलना चाहिए।
जुकरबर्ग ने कहा कि राजनैतिक प्रचार पर पाबंदी से सत्ताधारी प्रतिष्ठान को लाभ होगा। डोरसे जुकरबर्ग के विचार से असहमत हैं। उन्होंने कहा कि हमने बहुत सारे सामाजिक आंदोलन बिना किसी राजनैतिक प्रचार के होते देखे हैं। मुझे विश्वास है कि यह केवल बढ़ेगा, घटेगा नहीं। डोरसे ने कहा कि नई नीति के विस्तृत विवरण का अगले महीने तक खुलासा किया जाएगा और 22 नवम्बर से लागू कर दिया जाएगा। इसके तहत ट्विटर पर राजनैतिक उम्मीदवारों और राजनीतिक मुद्दों के प्रचार पर पाबंदी होगी।
उन्होंने कहा कि हमने केवल उम्मीदवारों के प्रचार को रोकने के बारे में सोचा था, लेकिन (राजनैतिक) विषयों से संबंधित प्रचार भी रोकना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि उनसे भी घुमा फिरा कर राजनैतिक प्रचार ही होता है। ट्विटर के निर्णय पर विश्व की कई हस्तियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी।
| Tweet |