जापान के सम्राट नारुहितो ने सिंहासन संभाला

Last Updated 23 Oct 2019 06:01:37 AM IST

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द मंगलवार को जापान के नए सम्राट नारुहितो के राज्याभिषेक समारोह में शामिल हुए।


जापान के नए सम्राट नारुहितो

नारुहितो के पिता एवं सम्राट अकिहितो ने इस साल के शुरू में बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य कारणों से राज सिंहासन छोड़ने की इच्छा व्यक्त की थी। जापान के सम्राट नारुहितो ने मंगलवार को अपना राज्याभिषेक समारोह संपन्न होने के बाद राजसिंहासन संभाल लिया। देश में राजवंश की परंपरा दो हजार साल पुरानी बताई जाती है। राज्याभिषेक संबंधी रस्में पूरी होने के बाद सम्राट अकिहितो ने ‘क्राइसैंथिमम थ्रोन‘ (राजसिंहासन) अपने बेटे नारुहितो के हवाले कर दिया और इस तरह नारुहितो देश के 126वें सम्राट बन गए। नारूहितो के राज्याभिषेक की प्रक्रियाएं इस वर्ष के आरंभ में उनके पिता के पदत्याग के साथ शुरू हुई थीं जिन्होंने स्वास्थ्य कारणों से राजसिंहासन छोड़ने की इच्छा जताई थी।

जापान के नए सम्राट के राज्याभिषेक में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द सहित दुनियाभर की अनेक राजनीतिक हस्तियां शामिल हुईं। देश में भीषण तूफान के चलते राज्याभिषेक के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाली सार्वजनिक परेड को रद्द कर दिया गया था, लेकिन सरकार ने इस अवसर के महत्व को देखते हुए यातायात नियमों के उल्लंघन सहित मामूली अपराधों में शामिल पांच लाख से अधिक लोगों क्षमादान दे दिया था। राज्याभिषेक से संबंधित मुख्य समारोह ‘इंपीरियल पैलेस’ के ‘पाइन रूम’ में हुआ जहां इस क्षण की साक्षी बनने के लिए सैकड़ों हस्तियां मौजूद थीं। राज्याभिषेक के दौरान नए सम्राट के साथ उनकी पत्नी एवं महारानी मसाको भी खड़ी थीं। सिंहासन पर आरूढ होने के बाद सम्राट नारुहितो ने कहा, मैं एतद् द्वारा देश और विदेश में अपने सिंहासन आरूढ़ होने की घोषणा करता हूं।

हार्वर्ड शिक्षित एवं पूर्व राजनयिक मसाको महारानी के रूप में अपने सिंहासन के सामने शांत खड़ी हुई थीं। राजसिंहासन मिलने के बाद नारूहितो ने कहा, मैं यह प्रतिज्ञा लेता हूं कि मैं जापानी लोगों और विश्व शांति की खुशहाली के लिए कामना करूंगा तथा जापान के प्रतीक के रूप में और जापानी लोगों की एकता के रूप में अपने कर्तव्य का पालन करूंगा। सम्राट और राजपरिवार के लोगों के साथ खड़े जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने वायदा करते हुए कहा, महामहिम सम्राट, जापान देश और जापानी लोगों की एकता के रूप में जापान के लोग हमेशा आपका सम्मान करेंगे।

राज्याभिषेक में शामिल हुए राष्ट्रपति कोविन्द
इसके बाद नारुहितो के लिए सम्राट बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ। क्योको (राजमहल) में 30 मिनट तक चले नारुहितो के राज्याभिषेक समारोह में लगभग 190 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की हस्तियों सहित लगभग दो हजार अतिथि शामिल हुए। समारोह में प्राचीन प्रोटोकॉल, विशिष्ट परंपराओं और साम्राज्य के वैभव की झलक दिखी।

यह पूछे जाने पर कि क्या राइन के मॉडल को गंगा नदी पर लागू किया जा सकता है, मार्टिना बुर्कार्ड ने कहा, हर नदी एक दूसरे से अलग है, ऐसे में किसी एक देश की नदी का मॉडल दूसरे पर पूरी तरह लागू नहीं किया जा सकता है। गंगा नदी दूसरी नदियों से अलग है। लेकिन जर्मनी एवं यूरोपीय संघ में नदियों के ई-फ्लो एवं निर्मलता को लेकर कुछ बुनियादी सिद्धांत तैयार किये गए हैं जिसका अनुसरण किया जा सकता है।

भाषा
टोक्यो


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