कश्मीर पर भारत का रुख स्पष्ट, तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेंगे : जयशंकर

Last Updated 02 Oct 2019 06:20:10 AM IST

विदेशमंत्री एस जयशंकर ने कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की हर गुंजाइश को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा है कि भारत का रुख दशकों से स्पष्ट रहा है और इस मामले पर कोई भी बातचीत द्विपक्षीय ही होगी।


वाशिंगटन में मंगलवार को विदेशमंत्री एस. जयशंकर के साथ अमेरिकी विदेशमंत्री माइक पोम्पियो।

जयशंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त राष्ट्र के वाषिर्क महासभा सत्र में भाग लेने के बाद रविवार रात न्यूयार्क से यहां पहुंचे।

संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के इतर प्रधानमंत्री और विदेशमंत्री ने विश्व के दर्जनों नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। कश्मीर में मध्यस्थता के संबंध में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने बुधवार को कहा, भारत का रुख करीब 40 साल से इस बात को लेकर स्पष्ट है कि हम मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेंगे और जो कुछ भी बातचीत होनी है, वह द्विपक्षीय होगी। ट्रंप ने कश्मीर मामले पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की हाल में पेशकश की थी। जयशंकर ने कहा, जहां तक मेरा सवाल है, मेरे दिमाग में बात एकदम स्पष्ट है। मेरा तर्क बहुत सरल है। यह किसका मामला है? मेरा। किसे फैसला करना है? मुझे। यदि यह मेरा मामला है और मुझे फैसला करना है, तो मैं तय करूंगा कि मुझे किसी की मध्यस्थता चाहिए या नहीं। आप अपनी पसंद से कोई भी प्रस्ताव रख सकते हैं लेकिन यदि मैं फैसला करता हूं कि यह मेरे लिए प्रासंगिक नहीं है, तो ऐसा नहीं होगा।
विदेशमंत्री ने कहा, संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के इतर उनकी आधी बैठकों में जम्मू-कश्मीर में हालिया घटनाक्रम का मामला उठा। उन्होंने कहा, अनुच्छेद 370 के संदर्भ में, मेरे लिए संख्या बताना मुश्किल होगा, लेकिन मैं कहूंगा कि मेरी करीब आधी बैठकों में इस मामले पर बात हुई और शायद मेरी आधी बैठकों में इस पर बात नहीं हुई। ऐसा नहीं था कि मुझसे बात करने वाले हर व्यक्ति ने इसी ज्वलंत प्रश्न पर बात की। उन्होंने कहा, सच कहूं तो इनमें से अधिकतर बैठकों में द्विपक्षीय संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया गया, यह मामला जिन लोगों ने उठाया, उनके लिए यह प्राथमिक रुचि का विषय नहीं था।
जयशंकर ने कहा, मुझे लगता है कि जिन लोगों ने रुचि दिखाई, उन्होंने कश्मीर संबंधी घटनाक्रम के बारे में पढ़ा था और उनकी बात सुनना हमारे लिए लाभकारी होगा। विदेशमंत्री ने कहा, उन्होंने नेताओं को बताया कि कश्मीर में क्या और क्यों हो रहा है। जयशंकर ने कहा, उन्होंने जो बताया, कई लोगों के लिए वह नया था। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने का फैसला पांच अगस्त को लिया था। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ गया है।

भाषा
वाशिंगटन


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment