पीओके में आजादी मांगने वाले 22 गिरफ्तार

Last Updated 10 Sep 2019 06:12:55 AM IST

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में दंगों के बीच आजादी की मांग करने वाले 22 समर्थकों को कथित तौर पर गिरफ्तार कर लिया गया। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।


पीओके में आजादी मांगने वाले 22 गिरफ्तार

डॉन न्यूज के अनुसार, गिरफ्तारी की घटना हजीरा उप-मंडल में रविवार को घटी। पुलिस ने शनिवार को हजारों की संख्या में ‘आजादी के लिए मार्च’ निकाले जा रहे हजारों लोगों को उस वक्त रोक दिया, जब वह नियंतण्ररेखा (एलओसी) के करीब बढ़ते जा रहे थे। हजीरा क्षेत्र के दवारंडी गांव में जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के सरदार मोहम्मद सगीर के नेतृत्व वाले गुट द्वारा मार्च का आयोजन किया गया था। डीआईजी पुंछ ताहिर महमूद कुरैशी ने डॉन न्यूज को बताया कि मार्च को रोकने का निर्णय लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया गया।
उन्होंने कहा,पार्टी नेताओं को एक निश्चित दूरी तक जाने की इजाजत दी गई थी, लेकिन वह उससे आगे बढ़ गए, जबकि उन्होंने लिखित में दिया था कि वह तय सीमा से आगे नहीं जाएंगे। भारतीय गोलीबारी में किसी की जान भी जा सकती थी। कुछ लोगों पास की पहाड़ियों पर चढ़ गए और उन्होंने पुलिस पर पत्थर फेंके। उन्होंने आगे कहा कि मार्च को शांत करने के लिए पुलिस ने आंसूगैस के गोले दागे। कुरैशी ने कहा कि पूरे मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उनमें से तीन को किसी भी प्रकार की गतिविधियों में नहीं पाए जाने के चलते रिहा कर दिया गया।



पाक में ठप पड़ा है मानवाधिकार आयोग
पूरी दुनिया के सामने कश्मीर में ‘मानवाधिकारों के उल्लंघन’ का रोना रोने वाला पाकिस्तान मानवाधिकारों को लेकर खुद कितना गंभीर है, इसका अंदाज देश के ठप पड़े मानवाधिकार आयोग की दशा से लगाया जा सकता है। ‘डॉन’ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग बीते तीन महीने से काम नहीं कर रहा है। इसके चेयरमैन और सदस्यों का पद खाली पड़ा है लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी नियुक्ति की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि चेयरमैन और सात में से छह सदस्यों का कार्यकाल बीती 30 मई को समाप्त हो चुका है। आयोग के कर्मचारियों को तो यहां तक अंदेशा है कि प्रधानमंत्री और संसद में नेता विपक्ष के बीच के कड़वे संबंधों के कारण यह फिर से काम करने की स्थिति में आता नहीं दिख रहा है। मानवाधिकार मामलों के मंत्रालय के महानिदेशक मोहम्मद अरशद ने ‘डॉन’ को बताया कि चेयरमैन और सदस्यों के पदों पर नियुक्ति का विज्ञापन फिर से जारी किया जाएगा। लेकिन, पूर्व के अनुभवों को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि नियुक्ति की इस प्रक्रिया को पूरा होने में छह से सात महीने लग सकते हैं।

आईएएनएस
इस्लामाबाद


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