PM मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ ज्वेज्दा पोत निर्माण परिसर का किया दौरा

Last Updated 04 Sep 2019 10:16:00 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बुधवार को ज्वेज्दा पोत निर्माण परिसर का दौरा किया और उसके प्रबंधकों और अन्य कर्मियों से बातचीत की।




रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

दो दिवसीय यात्रा पर रूस पहुंचे मोदी, पुतिन के साथ शिखर वार्ता करेंगे और ‘पूर्वी आर्थिक मंच’ में शामिल होंगे। ऐसा पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री रूस के पूर्वी सुदूर क्षेत्र की यात्रा कर रहा है।    

प्रधानमंत्री मोदी के यार्ड के दौरे के समय राष्ट्रपति पुतिन भी उनके साथ थे। ज्वेज्दा यार्ड जाने से पहले दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया और हाथ मिलाया।     

मोदी ने यार्ड के प्रबंधकों और कर्मियों से बातचीत की।     

‘तास’ संवाद समिति ने पुतिन के सहयोगी यूरी उशाकोव के हवाले से बताया कि भविष्य में इस यार्ड पर निर्मित पोतों का ‘प्रयोग भारत समेत वैश्विक बाजार में रूसी तेल और द्रवित प्राकृतिक गैस पहुंचाने में किया जाएगा’।     

रूसी संवाद समिति के अनुसार रोसनेफ्ट, रोसनेफ्टगाज और गजप्रॉमबैंक का संघ ‘फार ईस्टर्न शिपबिल्डिंग एंड शिप रिपेयर सेंटर’ में ज्वेज्दा पोत यार्ड का निर्माण कर रहा है।     

यार्ड के दौरे के बाद दोनों नेता 20वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता करेंगे।     

इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी का रूस की तीसरी द्विपक्षीय यात्रा पर व्लादिवोस्तोक हवाईअड्डा पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया।      

रूस रवाना होने से पहले मोदी ने कहा था कि वह पुतिन के साथ परस्पर हितों के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने को लेकर उत्साहित हैं।     

उन्होंने अपनी दो दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले नयी दिल्ली में एक बयान में कहा था, ‘‘मैं अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों और आपसी हितों से संबंधित क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के सभी आयामों पर चर्चा को लेकर आशान्वित हूं।’’          

मोदी ने कहा था, ‘‘मैं पूर्वी आर्थिक मंच की बैठक में हिस्सा लेने वाले वैश्विक नेताओं के साथ मुलाकात और इसमें हिस्सा लेने वाले भारतीय उद्योगों और कारोबारी प्रतिनिधियों से चर्चा को लेकर भी उत्सुक हूं।’’     

उन्होंने कहा था कि यह मंच रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में कारोबार और निवेश अवसरों के विकास पर जोर देने और इस क्षेत्र में भारत और रूस के बीच साझा लाभ के लिये सहयोग बढ़ाने का व्यापक अवसर प्रदान करता है।

भाषा
व्लादिवोस्तोक (रूस)


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