तालिबान ने काबुल में किया हमला, 16 की मौत, 119 अन्य घायल, अमेरिकी सुलह के प्रयास को झटका

Last Updated 04 Sep 2019 06:34:06 AM IST

तालिबान ने काबुल स्थित अंतरराष्ट्रीय परिसर पर सोमवार रात को किए आत्मघाती हमले का मंगलवार को सही ठहराने का प्रयास किया है।


तालिबान ने काबुल में किया हमला

इसके साथ ही युद्ध समाप्त करने के लिए तालिबान के साथ समझौता करने की अमेरिकी कोशिशों को झटका लगा है।
इस हमले में 16 लोगों की मौत हुई थी और 119 अन्य लोग घायल हुए थे। यह हमला अमेरिकी दूत के उस बयान के कुछ घंटों बाद किया गया जिसमें उन्होंने कहा, युद्ध को समाप्त करने पर तालिबान के साथ सैद्धांतिक सहमति बन गई है। विस्फोट से लदे एक ट्रैक्टर के जरिए यह हमला किया गया। यह हमला ऐसे समय में हुआ जब अमेरिकी विशेष दूत ज़लमी खलीलजाद तालिबान के साथ बातचीत के लिए अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंचे हैं। हमले से नाराज काबुल निवासियों ने सवाल किया कि क्या तालिबान के साथ किए किसी समझौते पर भरोसा किया जा सकता है। उनका सवाल है कि तालिबान चाहता था कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी हो और समझौते में उसकी शर्त मानी जा रही है। इसके बावजूद वह हमले कर रहा है। कुछ विश्लेषकों ने भी चेतावनी दी है कि तालिबान के कुछ गुट अमेरिका के साथ होने वाले समझौते पर नाराजगी जता सकते हैं लेकिन तालिबान के राजनीतिक नेताओं ने कतर में बातचीत के दौरान भरोसा दिया है कि उसके हजारों लड़ाकें संभावित समझौते का अनुपालन करेंगे।

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा, हम समझते हैं कि शांति वार्ता चल रही है..लेकिन उन्हें भी समझना चाहिए कि हम कमजोर नहीं हुए हैं। अगर हम वार्ता में शामिल होंगे तो मजबूत स्थिति में। उसने कहा, यह हमला अमेरिकी और अफगान बलों की ओर से देश के विभिन्न हिस्सों में नागरिकों पर की जा रही छापेमारी का जवाब है। मुजाहिद ने माना कि इन हमलों में आम नगारिकों को कम से कम नुकसान होना चाहिए, इसलिए उन्हें विदेशी लोगों के लिए बनाए गए परिसरों से दूर रहने को कहा।
इस बीच, गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने बताया, सोमवार रात आत्मघाती हमलावर की ओर से ग्रीन विलेज परिसर को निशाना बनाए जाने के बाद से 400 विदेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। पांच अन्य हमलावरों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। उन्होंने बताया, विस्फोटकों से लदे ट्रैक्टर में हमलावर ने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया था। हमले से कुछ घंटे पहले ही अमेरिकी दूत ज़लमी खलीलजाद ने अफगान सरकार को अमेरिका और तालिबान के बीच समझौते पर बनी सैद्धांतिक सहमति की जानकारी दी थी।

एजेंसियां
काबुल


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