दक्षिण एशिया में संभावित सैन्य वृद्धि को टालने के लिए तत्काल वार्ता की जरूरत : अमेरिका

Last Updated 08 Aug 2019 06:42:58 AM IST

अमेरिका ने बुधवार को कहा कि दक्षिण एशिया में तनाव को कम करने और संभावित सैन्य वृद्धि को टालने के लिए सभी पक्षों के बीच बातचीत की ‘‘तत्काल आवश्यकता‘’ है।


कश्मीर में भारतीय जवान स्थिति पर नजर रखे हुए।

अमेरिका का यह बयान पाकिस्तान द्वारा भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित करने और राजनयिक संबंधों को कमतर करने के कुछ घंटों बाद आया।

जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द करने के भारत के कदम को ‘‘एकतरफा और अवैध’’ बताते हुए पाकिस्तान ने बुधवार को भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को निष्कासित कर दिया।

साथ ही भारत के साथ राजनयिक संबंधों को भी कमतर कर दिया।

ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दक्षिण एशिया के घटनाक्रम को लेकर एक सवाल के जवाब में पीटीआई से कहा कि तनाव को घटाने और संभावित सैन्य बढोतरी को टालने के लिए सभी पक्षों के बीच बातचीत की तत्काल जरूरत है।

नाम उजागर न करने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंधों का स्वागत करेगा और हम ऐसे प्रयासों का समर्थन जारी रखेंगे जो तनाव घटाते हैं और भारत व पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत के लिए अनुकूल माहौल तैयार करते हैं।

अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने सभी पक्षों से शांत रहने और संयम बरतने का आह्वान किया है।

उधर, अमेरिका ने बुधवार को उन खबरों का जोरदार खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि भारत ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दज्रे को रद्द करने से पहले इसकी सूचना दी थी।

अमेरिका और भारत में कई मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले सप्ताह बैंकॉक में मुलाकात के दौरान जम्मू कश्मीर पर भारत के फैसले के संबंध में अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ को सूचित किया था।

दक्षिण और मध्य एशिया के विदेश राज्य मंत्री ऐलिस जी वेल्स ने ट्वीट किया, प्रेस रिपोर्टिंग के विपरीत, भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर के विशेष संवैधानिक दज्रे को रद्द करने की पहल से पूर्व अमेरिकी सरकार से परामर्श या सूचना नहीं दी।

भाषा
वाशिंगटन


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