अपत्यक्ष रूप से 'क्वॉड' की ओर इंगित करता है चीन का श्वेत पेपर

Last Updated 25 Jul 2019 01:55:12 AM IST

चीन ने बुधवार को अपने रक्षा मामलों पर श्वेत पत्र जारी करते हुए एशिया-प्रशांत क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा से क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर अनिश्चितता का माहौल है।


Osaka: Prime Minister Narendra Modi with Japanese Prime Minister Shinzo Abe and US President Donald Trump in a Trilateral Meeting of JAI (Japan-America-India), in Osaka, Japan on June 28, 2019. (Photo: IANS/PIB)

चीन का यह श्वेत पत्र परोक्ष रूप से एशिया प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया और भारत के समूह की ओर इशारा करता है। इन चार देशों का समूह अनौपचारिक रूप से 'क्वॉड' के नाम से जाना जाता है।


चीन के रक्षामंत्री ने उच्च प्रौद्योगिकी से लैस सेना के गठन की योजना का ढांचा पेश करते हुए श्वेत पत्र जारी किया। इस मौके पर उन्होंने 'वैश्विक सामरिक स्थायित्व की अनदेखी' करने के लिए अमेरिका को फटकार लगाई।

'चाइनाज नेशनल डिफेंस इन द न्यू एरा' शीर्षक से जारी श्वेत पत्र में कहा गया है है कि विश्व के आर्थिक और सामरिक केन्द्र का एशिया- प्रशांत क्षेत्र की ओर बढ़ना जारी है। इस क्षेत्र में बड़े देशों की प्रतिस्पर्धा से क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए अनिश्चितता पैदा हो गई है।



दस्तावेज में आगे कहा गया है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देश अच्छी तरह जानते हैं कि वे साझा भाग्य वाले समुदाय के सदस्य हैं। वैश्विक परिदृश्य का क्षेत्र को एक स्थायी हिस्सा बनाने के लिए वार्ता तथा परामर्श के माध्यम से विवादों और मतभेदों का समाधान करना क्षेत्रीय देशों के लिए एक जरूरी नीति का विकल्प बन गया है।

चीन जिसे 'एशिया- प्रशांत' कहता है अमेरिका उसे 'हिंद-प्रशांत' के रूप में मानता है, जहां वह इस क्षेत्र में बीजिंग की ताकत की नुमाइश का मुकाबला करने के लिए भारत, जापान और आस्ट्रेलिया का एक समूह बनाना चाहता है। 'क्वॉड' के नाम से जाना जाने वाले इस समूह का विचार सबसे पहले वर्ष 2007 में जापान का था लेकिन चीन के नाराज हो जाने के डर से भारत ने इस समूह में भाग लेने से इंकार कर दिया था।

हालांकि अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में चीन अपनी आक्रामक नीति को जारी रखे हुए तो ऐसे में ये चारो देश फिर से 'क्वॉड' की बात करने लगे हैं लेकिन अभी भी इसे औपचारिक अंतिम रूप दिया जाना है।

बीजिंग संभावित समूह को संदेह की दृष्टि से देखता है और उसने इसे 'समुद्री फेन' कह कर खारिज कर दिया है।

आईएएनएस
बीजिंग


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