कुलभूषण जाधव मामले पर इमरान खान ने दिया बयान- कानून के अनुसार करेंगे कार्रवाई

Last Updated 18 Jul 2019 03:21:59 PM IST

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरूवार को कहा कि आईसीजे के आदेश के बाद कुलभूषण जाधव मामले में सरकार ‘‘कानून के अनुसार’’ आगे बढेगा।


गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने बुधवार को पाकिस्तान को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा पर प्रभावी तरीके से फिर से विचार करने और राजनयिक पहुंच प्रदान करने का आदेश दिया।      

सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना अधिकारी जाधव (49) को ‘‘जासूसी और आतंकवाद’’ के आरोपों पर पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। उसे सजा सुनाए जाने का भारत में कड़ा विरोध हुआ था।    

न्यायाधीश अब्दुलकावी अहमद यूसुफ की अगुवाई वाली 16 सदस्यीय पीठ ने एक के मुकाबले 15 मतों से कुलभूषण सुधीर जाधव को दोषी ठहराये जाने और उन्हें सुनाई गयी सजा की ‘‘प्रभावी समीक्षा करने और उस पर पुनर्विचार करने’’ का आदेश दिया।  हालांकि पीठ ने भारत की अधिकतर मांगों को खारिज कर दिया जिनमें जाधव को दोषी ठहराने के सैन्य अदालत के फैसले को रद्द करने, उन्हें रिहा करने और भारत तक सुरक्षित पहुंचाना शामिल है।      

फैसले पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए खान ने ट्वीट किया, ‘‘कमांडर कुलभूषण जाधव को बरी, रिहा ना करने और भारत को ना लौटाने के आईसीजे के फैसले की सराहना करता हूं। वह पाकिस्तान के लोगों के खिलाफ अपराधों का दोषी है। पाकिस्तान कानून के अनुसार आगे बढेगा।’’      

 

विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, ‘‘जाधव पाकिस्तान में रहेगा। उसके साथ पाकिस्तान के कानूनों के मुताबिक व्यवहार किया जाएगा। यह पाकिस्तान के लिए जीत है।’’  उन्होंने कहा कि भारत जाधव को बरी कराना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।   उन्होंने कहा, ‘‘वे उसकी रिहाई चाहते थे, इसे मंजूर नहीं किया गया। वे उसकी वापसी चाहते थे, इसे भी खारिज कर दिया गया। अगर वे फिर भी जीत का दावा करते हैं तो ..शुभकामनाएं।’’      

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने इस फैसले को भारत के लिए अन्य ‘‘27 फरवरी’’ बताया जब उसने भारतीयों को स्तब्ध कर दिया था।      

सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने बुधवार रात को एआरवाई न्यूज को बताया, ‘‘यह भारत के लिए दूसरा 27 फरवरी है क्योंकि वे फिर से स्तब्ध रह गए हैं। उन्होंने सोचा कि उनके पास जिस तरह की राजनीतिक शक्ति है वह न्याय को भी बदल सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ।’’      

वह 27 फरवरी को भारतीय वायु सेना के एक लड़ाकू विमान को मार गिराए जाने और उसके पायलट को बंधक बनाने का जिक्र कर रहे थे। इससे एक दिन पहले भारत ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया था।      

फैसला लागू किए जाने के मुद्दे पर प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान कानून का पालन करेगा क्योंकि वह कानून का पालन करने वाला देश है।  उन्होंने कहा कि आईसीजे के फैसले ने पाकिस्तान की न्यायिक व्यवस्था पर भी भरोसा जताया।    

पाकिस्तान के प्रमुख अखबारों ने भी पाकिस्तान की जीत के तौर पर इस मामले में आईसीजे के फैसले की प्रशंसा की।     

डॉन के अनुसार, आईसीजे ने 17 जुलाई को अपने फैसले में जाधव को बरी करने और स्वदेश प्रत्यर्पित करने की भारत की याचिकाओं को निरस्त कर दिया। हालांकि, राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने के मुद्दे पर उसके रुख को बरकरार रखा।      

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपने मुख्य पृष्ठ पर इस खबर को छापा। उसने कहा कि फैसले में भारत को राजनयिक पहुंच दे दी गई लेकिन बरी करने की उम्मीदें पूरी नहीं हुईं।      

द न्यूज ने अपनी मुख्य रिपोर्ट में लिखा कि आईसीजे ने जाधव को बरी करने और रिहा करने की भारत की अपीलों को नहीं माना।

 

भाषा
इस्लामाबाद


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment