किम-ट्रंप बैठक में नहीं हो सका समझौता : अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच गुरुवार को वियतनाम में आयोजित हनोई शिखर सम्मलेन में दोनों नेता समझौते तक नहीं पहुंच सके लेकिन उनके बीच हुई बैठक सकारात्मक रही।
किम के साथ समझौता करने की जल्दबाजी नहीं: ट्रंप |
अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रेस सचिव सराह सांडर्स ने यह जानकारी दी।
सांडर्स ने कहा, ‘‘वियतनाम में 27 फरवरी को आयोजित हनोई शिखर सम्मलेन में राष्ट्रपति ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम के बीच बैठक सकारात्मक रही। दोनों नेताओं ने परमाणु निरसीकरण तथा अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए कई उपायों पर बातचीत की है। इस दौरान दोनों के बीच कोई समझौता नहीं हुआ लेकिन उनके प्रतिनिधिमंडल भविष्य में इस मुद्दे पर बैठक कर सकते है।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि वह उत्तर कोरियोई नेता किम जोंग उन के साथ समझौता करने की जल्दबाजी में नहीं हैं। ट्रंप का यह बयान उत्तर कोरियाई नेता के साथ चल रहे दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के दूसरे और अंतिम दिन आया है।
ट्रंप ने कहा, ‘‘कोई जल्दबाजी नहीं है। हम सही समझौता करना चाहते हैं। मैं शुरु से ही कह रहा हूं कि मेरे लिए गति महत्पूर्ण नहीं है। मैं परमाणु रॉकेट और मिसाइल के परीक्षण नहीं किये जाने की बहुत सराहना करता हूं।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति के अनुसार, वह किम का बहुत सम्मन करते हैं और उनके संबंध ‘बहुत मजबूत’ हैं। अगर वार्ता सही दिशा में जाती है तो उत्तर कोरिया ‘एक आर्थिक महाशक्ति’ बन सकता है।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर कोरियाई नेता ने कहा, ‘‘अभी कुछ कहना बहुत जल्दबाजी होगी लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि बातचीत के अच्छे परिणाम आएंगे।’’
दोनों नेताओं की बैठक वियतनाम की राजधानी हनोई के मेट्रोपोल होटल में हुई है। गुरुवार सुबह वे अपनी बैठक के बाद होटल के प्रांगन में साथ में टहलने भी गये। होटल के प्रांगन में टहलने के दौरान किम और ट्रंप के साथ अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और परमाणु निरसीकरण पर उत्तर कोरिया के मुख्य वार्ताकार एवं उत्तर कोरियाई नेता के करीबी सहयोगी किम योंग चोल भी मौजूद थे।
शिखर सम्मेलन के अंत में ‘संयुक्त समझौते पर हस्ताक्षर समारोह भी होगा। इस दौरान ट्रंप संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित करने वाले हैं।
ट्रंप और किम के बीच पहला शिखर सम्मेलन पिछले वर्ष जून में सिंगापुर में हुआ था। इस दौरान किम ने कोरियाई प्रायद्वीप में पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण करने की प्रतिबद्धता जताई
थी जबकि ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका उत्तर कोरिया को सुरक्षा की गारंटी देने के लिए तैयार है।
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