चीन में 20 लाख धार्मिक अल्पसंख्यक बंद : ट्रंप प्रशासन

Last Updated 07 Dec 2018 06:21:04 AM IST

ट्रंप प्रशासन ने सांसदों को बताया कि चीन के नजरबंदी शिविरों में करीब आठ से बीस लाख धार्मिक अल्पसंख्यक बंद हैं।


डोनाल्ड ट्रम्प (फाइल फोटो)

सांसदों ने चीन के शिनजियांग प्रांत में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर गंभीर चिंता जताई है।
कांग्रेस की सुनवाई के दौरान ‘ब्यूरो ऑफ ह्यूमन राइट डेमोक्रेसी एंड लेबर’ में उप सहायक विदेश मंत्री स्कॉट बुस्बी ने आरोप लगाया कि चीन दुनिया के अन्य तानाशाह सरकारों के ऐसे दमनात्मक कदमों का समर्थन कर रहा है। उन्होंने कहा, अमेरिकी सरकार का आकलन है कि अप्रैल, 2017 से चीनी अधिकारियों ने उइगर, जातीय कजाक और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के कम से कम आठ लाख से बीस लाख सदस्यों को नजरबंदी शिविरों में अनिश्चितकाल के लिए बंद कर रखा है।
सीनेट की विदेश मामलों की उपसमिति के समक्ष बुस्बी ने बताया कि सूचनाओं के अनुसार हिरासत में रखे गए ज्यादातर लोगों के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाया गया है और उनके परिजनों को उनके ठिकानों के बारे में बेहद कम या कोई जानकारी नहीं है। पहले-पहल तो चीन ने ऐसे शिविरों के अस्तित्व से इंकार किया था लेकिन इस संबंध में सार्वजनिक रूप से खबरें आने के बाद चीनी अधिकारी अब बता रहे हैं कि ये केंद्र ‘व्यावसायिक शिक्षा केन्द्र’ हैं। बुस्बी ने कहा, हालांकि यह तथ्य गलत प्रतीत होता है क्योंकि उन शिविरों में कई लोकप्रिय उइगुर बुद्धिजीवी और सेवानिवृत्त पेशेवर भी शामिल हैं। इन केन्द्रों से सुरक्षित बाहर निकले कुछ लोगों ने वहां के बुरे हालात के बारे में बताया है। उदाहरण के लिए उन शिविरों में नमाज सहित अन्य धार्मिक रीतियों पर प्रतिबंध है।

परिवारों को मजबूर किया जा रहा है कि वे चीनी अधिकारियों को लंबे समय तक अपने घरों में रहने दें। सशस्त्र पुलिस आने-जाने के रास्तों पर नजर रख रही है। हजारों मस्जिद तोड़ दी गई हैं, जबकि कुछ अन्य कम्युनिस्ट पार्टी के दुष्प्रचार का केन्द्र बन गई हैं। उन्होंने सांसदों को बताया, दुर्भाग्यवश, चीन से भागना सरकार से बचने के लिए पर्याप्त नहीं है। चीन नियमित रूप से उइगर, जातीय कजाक और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों को वापस भेजने के लिए अन्य देशों पर दबाव बना रहा है।’

भाषा
वाशिंगटन


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment