व्यंग्य का इस्तेमाल कर लोकप्रिय बने मोदी

Last Updated 17 Nov 2017 06:07:27 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यापक स्तर पर लोकप्रिय बनने और अपने राजनीतिक अंदाज को नया रूप देने के लिए राजनीतिक हास्य और व्यंग्य का इस्तेमाल किया.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (file photo)

अमेरिका के एक विश्वविद्यालय ने मोदी के ट्वीट्स का अध्ययन करने के बाद यह कहा है.

यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन स्कूल ऑफ इन्फोर्मेशन ने छह साल की अवधि के दौरान मोदी के 9,000 से ज्यादा ट्वीट्स का अध्ययन किया. यह अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कम्युनिकेशन में प्रकाशित हुआ है. मोदी के ट्विटर पर 3 करोड़ 60 लाख से अधिक फॉलोवर हैं.

विश्वविद्यालय में सूचना के सहायक प्रोफेसर और अध्ययन के लेखक जॉयोजीत पाल ने कहा, हमने यह बताने की कोशिश की है कि वह लोकप्रिय कैसे बने. मोदी की व्यंग्योक्ति ने उन्हें एक राजनीतिक नजरिया दिया और सोशल मीडिया पर उनकी गूंज सुनाई दी जो इस बात से पता चलती है कि उनके व्यंग्यपूर्ण शब्दों वाले संदेशों को बड़ी संख्या में री-ट्वीट किया गया.

विश्वविद्यालय की विज्ञप्ति के अनुसार, शोधकर्ताओं ने ट्वीट को मुख्यत: नौ थीमों में बांटा, जो इस प्रकार हैं : क्रि केट, राहुल गांधी, मनोरंजन, व्यंग्य, भ्रष्टाचार, विकास, विदेश मामले, हिंदुत्व और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी. इन विषयों को चुनने के बाद उन्होंने पाया कि व्यंग्यात्मक ट्वीट चुनाव और प्रचार अभियान के आस-पास केंद्रित थे. आम चुनाव के दौरान मोदी के कई ट्वीट्स में उन्होंने मुख्य विपक्षी दल को भ्रष्ट और गांधी को  राहुल बाबा या शहजादा कहा.

शोधकर्ताओं के अनुसार, मोदी द्वारा व्यंग्य का इस्तेमाल करना राजनीतिक रैलियों के दौरान हास्यपूर्ण नारों का प्रयोग करने की लंबी समय से चली आ रही परंपरा का हिस्सा है. पाल ने कहा, उन्होंने अपने बयानों से कई हमले किए, शब्दाडम्बरों का इस्तेमाल किया, होशियारी से शब्दों का इस्तेमाल कर निशाना साधा और चुटकुले सुनाए. चुनाव के बाद व्यंग्य और गांधी का जिक्र  गायब हो गया. उन्होंने कहा, इसके बजाय सेलिब्रिटी के जिक्र  वाले ट्वीट और विदेश नीति के बारे में ट्वीट्स में काफी वृद्धि हुई.
 

भाषा


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