अपनों ने बढ़ाई मुनियप्पा की मुश्किलें

Last Updated 22 Apr 2009 02:54:55 PM IST


कोलार। छठी बार संसद में पहुंचने की आशा रख रहे केंद्र सरकार के राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य मंत्री केएच मुनियप्पा की राह विरोधियों के साथ उनकी अपनी पार्टी के नेताओं की बगावत ने मुश्किल कर दी है। मुनियप्पा को इस बार भाजपा प्रत्याशी डीएस वीरैय्या से भी कड़ी टक्कर मिल रही है। इसके पहले मुनियप्पा 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में चुनाव जीत चुके हैं लेकिन इस बार अनुसूचित जाति के प्रमुख नेता और कोलार (कर्नाटक) से चुनाव लड़ रहे मुनियप्पा को अपनी ही पार्टी के नेताओं के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। पार्टी के के श्रीनिवास गौड़ा और डा. सुधाकर जैसे वरिष्ठ नेताओं ने आलाकमान से उन्हें पुन: टिकट दिए जाने विरोध किया है। गौड़ा ने वर्ष 2008 के विधानसभा चुनावों में अपनी हार के लिए मुनियप्पा को दोषी ठहराते हुए उन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने चुनावों में कांग्रेस के बागी वर्थुर प्रकाश को पिछले दरवाजे से समर्थन देते हुए उसे जीत दिलाई और अब वह (प्रकाश) भी ऐसा ही कर रहे हैं। अपनी जीत के प्रति आश्वस्त मुनियप्पा का कहना है संप्रग सरकार के काल के दौरान मेरे द्वारा किए गए विकास कार्यों से मुझे चुनावों में मदद मिलेगी और जनता मुझे ही चुनेगी। भाजपा के वीरैय्या को इस बार केंद्र की सत्ता विरोधी लहर पर सवार होकर जीतने की आशा है। वीरैय्या ने कहा जनता प्रदेश की भाजपा सरकार के विकास कार्यों के बारे में चर्चा कर रही है। मुझे अपनी जीत का पूरा विश्वास है। कोलार क्षेत्र में कुल 22 प्रत्याशी अपना भाज्ञ आजमाएंगे लेकिन मुख्य लड़ाई कांग्रेस और भाजपा की है।



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