Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि कब से आरंभ, जानें घट स्थापना मुहूर्त और पूजा विधि

Last Updated 06 Apr 2024 12:14:59 PM IST

Chaitra Navratri 2024: नवरात्र के 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा और व्रत किया जाता है। हर साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शुक्लपक्ष की प्रतिपदा को होती है।


Chaitra Navratri 2024

इस साल चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरु होंगे और 17 अप्रैल 2024 को खत्म होंगे। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्र से हिंदू नववर्ष का प्रारंभ होता है। साल में दो बार नवरात्र आते हैं। पहला चैत्र नवरात्र और दूसरा शारदीय नवरात्र। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन नौ दिनों में मां की सच्चे मन से पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख, शांति का वास होता है। तो आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि कब से शुरू है, जानें घट स्थापना का मुहूर्त और पूजा विधि।

कब से शुरू होंगे नवरात्र 2024?

साल 2024 में चैत्र नवरात्रों की शुरुआत 9 अप्रैल से हो रही है। नवरात्र के पहले दिन घट स्थापना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इससे सकारात्मकता का वास होता है और घर में खुशहाली आ जाती है। नवरात्र के नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलाई जाती है और पूरे विधि - विधान के साथ व्रत का संकल्प लिया जाता है।

कब तक चलेंगे नवरात्र 2024?

चैत्र नवरात्र 9 अप्रैल से शुरू होकर 17 अप्रैल 2024 तक चलेंगे।

घटस्थापना मुहूर्त। Ghatasthapana Muhurat

•  9 अप्रैल 2024 - सुबह 06:03 से सुबह 10:17 तक
      अवधि - 04 घण्टे 14 मिनट्स

घटस्थापना अभिजित मुहूर्त

• 11:58 ए एम से 12:49 पी एम
   अवधि - 00 घण्टे 51 मिनट्स

प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ - अप्रैल 08, 2024 को रात 11:50 तक

प्रतिपदा तिथि समाप्त - अप्रैल 09, 2024 को रात 08:30 बजे

चैत्र नवरात्र 2024 कैलेंडर (Chaitra Navratri 2024 Calendar)

09 अप्रैल 2024 - घटस्थापना, मां शैलपुत्री की पूजा

10 अप्रैल 2024 - मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

11 अप्रैल 2024 - मां चंद्रघंटा की पूजा

12 अप्रैल 2024 - मां कुष्मांडा की पूजा

13 अप्रैल 2024 - मां स्कंदमाता की पूजा

14 अप्रैल 2024 - मां कात्यायनी की पूजा

15 अप्रैल 2024 - मां कालरात्रि की पूजा

16 अप्रैल 2024 - मां महागौरी की पूजा

17 अप्रैल 2024 - मां सिद्धिदात्री की पूजा, राम नवमी

पूजा विधि । Puja vidhi in Hindi 

•  सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहने।

•  उसके बाद घर के मंदिर में साफ-सफाई करें।

•  सफाई के बाद एक चौकी बिछाएं।

•  उसके बाद किसी बर्तन में मिट्टी फैलाकर ज्वार के बीज बो दें।

•  मां दुर्गा की प्रतिमा को चौकी पर स्थापित करें, तिलक लगाएं।

•  मां की प्रतिमा स्थापित करने के बाद एक कलश में पानी भर के सुपारी, रोली एवं मुद्रा (सिक्का) डालें और फिर एक लाल रंग की चुन्नी से लपेट कर रख दें।

•   उसके बाद नारियल रखें और कलावा बांधे और कलश पर स्वास्तिक बना लें।

•   कलश स्थापना के बाद मां की आरी करें और फिर व्रत का संकल्प लें।

प्रेरणा शुक्ला
नई दिल्ली


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