दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों का 27,200 करोड़ रुपये का तीन साल में बकाया चुकाया जाये : न्यायालय

Last Updated 07 Aug 2025 09:50:01 AM IST

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए निर्देश दिया कि दिल्ली की तीन निजी बिजली वितरण कंपनियों को 27,200.37 करोड़ रुपये की वहन लागत समेत नियामक परिसंपत्तियों का भुगतान तीन साल के भीतर किया जाए।


विनियामक परिसंपत्तियां वे लागतें या राजस्व हैं जिन्हें एक नियामक एजेंसी (जैसे, बिजली उपयोगिताओं के लिए) किसी कंपनी की बैलेंस शीट में स्थगित करने की अनुमति देती है, खासकर जब वास्तविक लागतें निर्धारित शुल्क से अधिक हो जाती हैं।

इसमें तेजी से वृद्धि हुई है, जो 31 मार्च, 2024 तक बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) के लिए 12,993.53 करोड़ रुपये, बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल) के लिए 8,419.14 करोड़ रुपये और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) के लिए 5,787.70 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।

इस प्रकार इन कंपनियों को कुल देय 27,200.37 करोड़ रुपये है।

भाषा
नई दिल्ली


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