108 Names of Lord Rama : भगवान श्रीराम के 108 नाम का करें जाप, खुशियों से भर जाएगा घर -परिवार

Last Updated 16 Jan 2024 09:09:34 AM IST

God Rama 108 Names : हिंदू धर्म में भगवान राम अति पूजनीय हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम की पूजा - पाठ करने से भक्तों से संकटों से मुक्ति मिलती है


श्री राम के 108 नामों को शास्त्रों के अनुसार अष्टोत्तर शतनामावली कहा जाता है। इनके 108 नामों का जप करने से भक्तों की हर तहस की परेशानी खत्म होती है और उनका घर धन- धान्य से भर जाता है।  तो चलिए यहां देखिए भगवान राम के 108 नाम की लिस्ट।  

श्रीराम के नाम -    नाम का अर्थ
1. श्रीराम - जिनमें योगीजन रमण करते हैं

2. बालिप्रमथन - बालि नामक वानर को मारने वाले

3. जितामित्र - शत्रुओं को जीतने वाला

4. शाश्वत - सनातन राम

5. सत्यवाक् - सत्यवादी

6. श्रीमान् राजेन्द्र - श्री सम्पन्न राजाओं के भी राजा, चक्रवर्ती सम्राट

7. रघुपुङ्गव - रघुकुल में श्रेष्ठ

8. जानकीवल्लभ - जनक किशोरी सीता के प्रियतम

9. जैत्र - विजयशील

10.रामभद्र - कल्याणमय राम

11. सत्यव्रत - सत्य का दृढ़ता पूर्वक पालन करने वाले

12. विश्वामित्रप्रिय - विश्वामित्रजी के प्रियतम

13. जनार्दन - सम्पूर्ण मनुष्यों द्वारा याचना करने योग्य

14. शरण्यत्राणतत्पर - शरणागतों के रक्षा में तत्पर

15. रामचन्द्र -चंद्रमा के समान आनन्दमयी एवं मनोहर राम

16. वाग्मी - अच्छे वक्ता

17. राजीवलोचन - कमल के समान नेत्रों वाले

18. सत्यविक्रम - सत्य पराक्रमी

19. जितेंद्राये - विजेताओं का स्वामी, जो इन्द्र को जीत सकते हैं

20. व्रतफल - सम्पूर्ण व्रतों के प्राप्त होने योग्य फलस्वरूप

21. सदा हनुमदाश्रय - हनुमानजी के ह्रदय कमल में निवास करने वाले

22. कौसलेय - कौसल्या जी के पुत्र

23. हरकोदण्ड- खण्डन - जनकपुर में शिवजी के धनुष को तोड़ने वाले

24. विराधवध-पण्डित - विराध नामक दैत्य का वध करने में कुशल

25. विभीषण-परित्राता - विभीषण के रक्षक

26. दशग्रीवशिरोहर - दशशीश रावण के मस्तक काटने वाले

27. सप्ततालप्रभेता - सात ताल वृक्षों को एक ही बाण से बींध डालने वाले

28. खरध्वंसी - खर नामक राक्षस का नाश करने वाले

29. जामदग्न्यमहादर्पदलन - परशुरामजी के महान अभिमान को चूर्ण करने वाले

30. ताडकान्तकृत - ताड़का नामवाली राक्षसी का वध करने वाले

31. वेदान्तपार- वेदान्त के पारंगत विद्वान अथवा वेदांत से भी अतीत

32. वेदात्मा - वेदस्वरूप

33. भवबन्धैकभेषज - संसार बन्धन से मुक्त करने के लिये एक मात्र औषधरूप

34. दूषणप्रिशिरोsरि - दूषण और त्रिशिरा नामक राक्षसों के शत्रु

35. त्रिमूर्ति - ब्रह्मा,विष्णु और शिव- तीन रूप धारण करने वाले

36. त्रिगुण - त्रिगुणस्वरूप अथवा तीनों गुणों के आश्रय

37. त्रयी - तीन वेदस्वरूप

38. त्रिविक्रम - जिसका तीन प्रगति पूरी दुनिया को कवर किया

39. त्रिलोकात्मा - तीनों लोकों के आत्मा

40. पुण्यचारित्रकीर्तन - जिनकी लीलाओं का कीर्तन परम पवित्र हैं

41. त्रिलोकरक्षक - तीनों लोकों की रक्षा करने वाले

42. धन्वी - धनुष धारण करनेवाले

43. दण्डकारण्यवासकृत् - दण्डकारण्य में निवास करने वाले

44.अहल्यापावन - अहल्याको पवित्र करने वाले

45. पितृभक्त - पिता के भक्त

46. वरप्रद - वर देने वाले

47. जितेन्द्रिय - इन्द्रियों को काबू में रखने वाले

48. जितक्रोध - क्रोध को जीतने वाले

49. जितलोभ - लोभ की वृत्ति को परास्त करने वाले

50. जगद्गुरु - अपने आदर्श चरित्रों से सम्पूर्ण जगत को शिक्षा देने वाले

51. ऋक्षवानरसंघाती - वानर और भालुओं की सेना का संगठन करने वाले

52. चित्रकूट– समाश्रय - वनवास के समय चित्रकूट पर्वत पर निवास करने वाले

53. जयन्तत्राणवरद - जयन्त के प्राणों की रक्षा करके उसे वर देने वाले

54. सुमित्रापुत्र- सेवित - सुमित्रानन्दन लक्ष्मण के द्वारा सेवित

55. सर्वदेवाधिदेव - सम्पूर्ण देवताओं के भी अधिदेवता

56. मृतवानरजीवन - मरे हुए वानरों को जीवित करने वाले

57. मायामारीचहन्ता - मारीच नामक राक्षस का वध करने वाले

58. महाभाग - महान सौभाग्यशाली

59. महाभुज - बड़ी- बड़ी बाँहों वाले

60. सर्वदेवस्तुत    - सम्पूर्ण देवता जिनकी स्तुति करते हैं

61. सौम्य - शांतस्वभाव

62. ब्रह्मण्य - ब्राह्मणों के हितैषी

63. मुनिसत्तम - मुनियों मे श्रेष्ठ

64. महायोगी - सम्पूर्ण योगों के अधीष्ठान होने के कारण महान योगी

65. महोदर - परम उदार

66. सुग्रीवस्थिर-राज्यपद- सुग्रीव को स्थिर राज्य प्रदान करने वाले

67. सर्वपुण्याधिकफलप्रद - समस्त पुण्यों के उत्कृष्ट फलरूप

68. स्मृतसर्वाघनाशन - स्मरण करनेमात्र से ही सम्पूर्ण पापों का नाश करने वाले

69. आदिपुरुष - किसी वंश या साम्राज्य की पहली कड़ी

70. महापुरुष - समस्त पुरुषों मे महान

71. परमपुरुष - सर्वोत्कृष्ट पुरुष

72. पुण्योदय - पुण्य को प्रकट करने वाले

73. महासार - सर्वश्रेष्ठ सारभूत परमात्मा

74. पुराणपुरुषोत्तम - पुराणप्रसिद्ध क्षर-अक्षर पुरुषों से श्रेष्ठ लीलापुरुषोत्तम

75. स्मितवक्त्र - जिनके मुखपर सदा मुस्कान की छटा छायी रहती है

76. मितभाषी - कम बोलने वाले

77. पूर्वभाषी - पूर्ववक्ता

78. राघव - रघुकुल में अवतीर्ण

79. अनन्तगुण गम्भीर - अनन्त कल्याणमय गुणों से युक्त एवं गम्भीर

80. धीरोदात्तगुणोत्तर - धीरोदात्त नायकके लोकोतर गुणों से युक्त

81. मायामानुषचारित्र - अपनी मायाका आश्रय लेकर मनुष्योंकी-सी लीलाएँ करने वाले

82. महादेवाभिपूजित - भगवान शंकर के द्वारा निरन्तर पूजित

83. सेतुकृत - समुद्रपर पुल बाँधने वाले

84. जितवारीश - समुद्र को जीतने वाले

85. सर्वतीर्थमय    - सर्वतीर्थस्वरूप

86. हरि - पाप-ताप को हरने वाले

87. श्यामाङ्ग - श्याम विग्रहवाले

88. सुन्दर - परम मनोहर

89. शूर - अनुपम शौर्यसे सम्पन्न वीर

90. पीतवासा - पीताम्बरधारी

91. धनुर्धर - धनुष धारण करने वाले

92. सर्वयज्ञाधिप - सम्पूर्ण यज्ञों के स्वामी

93. यज्ञ - यज्ञ स्वरूप

94. जरामरणवर्जित - बुढ़ापा और मृत्यु से रहित

95. शिवलिंगप्रतिष्ठाता - रामेश्वर नामक ज्योतिर्लिंग की स्थापना करने वाले

96. सर्वाघगणवर्जित - समस्त पाप-राशियों से रहित

97. सच्चिदानन्दविग्रह - सत्, चित् और आनन्द के स्वरूप का निर्देश कराने वाले

98. परं ज्योति - परम प्रकाशमय,परम ज्ञानमय

99. परं धाम - सर्वोत्कृष्ट तेज अथवा साकेतधाम स्वरूप

100. पराकाश - त्रिपाद विभूतिमें स्थित परमव्योम नामक वैकुण्ठ धामरूप

101. परात्पर - पर- इन्द्रिय, मन, बुद्धि आदि से भी परे परमेश्वर

102. परेश - सर्वोत्कृष्ट शासक

103. पारग - सबको पार लगाने वाले

104. पार - सबसे परे विद्यमान

105. सर्वभूतात्मक - सर्वभूतस्वरूप

106. परमात्मा - परम आत्मा

107. रामचन्द्र - चाँद की तरह नेक

108. शिव - परम कल्याणमय

प्रेरणा शुक्ला
नई दिल्ली


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