Maa Mahagauri Vrat Katha : मिलेगा कष्टों से छुटकारा, नवरात्रि के आठवें दिन करें महागौरी की कथा

Last Updated 22 Oct 2023 07:54:11 AM IST

नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी के रूप का पूजन किया जाता है। महागौरी के वस्त्र और आभूषण सभी सफेद हैं इसलिए मां महागौरी को सफेद रंग काफी प्रिय है।


Maa Mahagauri Vrat Katha

Mahagauri mata vrat katha in hindi : नवरात्रि का त्योहार हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में हर दिन हम माता की आराधना करते हैं। विधि विधान सहित पूजा, कथा, आरती आदि करते हैं। आज हम आपके लिए नवरात्रि के आठवें दिन की कथा लेकर प्रस्तुत हुए हैं। नवरात्रि का आठवां दिन देवी महागौरी का होता है। कुछ लोग इसी दिन अपने व्रत को पूर्ण करते हैं तथा कन्याओं को भोजन आदि कराते हैं।

Maa Mahagauri Vrat Katha In Hindi -  Navratri 2023 Day 8
माता महागौरी की कथा
नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी के रूप का पूजन किया जाता है। पौराणिक शिव पुराण की कथा के अनुसार, महागौरी जब मात्र आठ वर्ष की थी तभी से उन्हें अपने पूर्व जन्म की घटनाओं का स्पष्ट स्मरण होने लगा था। उसी समय से उन्होंने भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में मान लिया और शिवजी को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या करनी भी आरंभ कर दी।

जिसके चलते देवी ने वर्षों तक घोर तपस्या की। वर्षों तक निराहार तथा निर्जला तपस्या करने के कारण इनका शरीर काला पड़ गया। इनकी तपस्या को देखकर भगवान शिव प्रसन्न हो गए व उन्होंने इन्हें गंगा जी के पवित्र जल से पवित्र किया जिसके पश्चात् माता महागौरी विद्युत के समान चमक तथा कांति से उज्ज्वल हो गई। इसके साथ ही वह महागौरी के नाम से विख्यात हुई।

देवी महागौरी अत्यंत सरल, मोहक और शीतल रूप की हैं। इनका वाहन वृषभ है। मां महागौरी की उपासना करने वाले भक्तों की मनोकामना पूर्ति का दायित्व देवी अपने ऊपर लेती हैं। देवी महागौरी चतुर्भुजी देवी हैं। इनके दाहिनी ओर के ऊपर वाले हाथ में अभय मुद्रा तथा नीचे वाले हाथ में त्रिशूल उपस्थित है। माता महागौरी ने बाहिनी ओर के ऊपर वाले हाथ में डमरू एवं नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा धारण कर रखी है।

महागौरी को सफेद चीजें क्यों अर्पित की जाती हैं?
महागौरी के वस्त्र और आभूषण सभी सफेद हैं इसलिए मां महागौरी को सफेद रंग काफी प्रिय है। पूजा में भी मां महागौरी को सफेद चीजें चढ़ाई जाती हैं और भोग भी सफेद रंग के प्रसाद का अर्पित किया जाता है।  सफेद रंग प्रिय होने के कारण इन्हें श्वेताम्बरधरा भी कहा गया है। मां का वाहन वृषभ है।  

मां महागौरी का पूजा मंत्र
'या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥'

प्रेरणा शुक्ला
नई दिल्ली


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